क्या बिहार में इस बार एनडीए का पलड़ा भारी होगा? : बाबा रामदेव

सारांश
Key Takeaways
- बिहार चुनाव में एनडीए का पलड़ा भारी होने का अनुमान।
- पीएम मोदी के व्यक्तित्व की तुलना हिमालय से।
- बाबा रामदेव का स्वदेशी उत्पादों को अपनाने का संदेश।
- लोकतंत्र में जनता की भूमिका महत्वपूर्ण।
- भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की आवश्यकता।
हरिद्वार, 17 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार चुनाव को लेकर योगगुरु बाबा रामदेव ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस बार बिहार में चुनावी मुकाबला बेहद जबरदस्त है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का व्यक्तित्व हिमालय जितना ऊंचा और स्थिर है। उन्होंने यह भी दावा किया कि जनता पीएम मोदी के विकास कार्यों पर विश्वास करती है, इसलिए इस बार एनडीए का पलड़ा भारी रहेगा।
बाबा रामदेव ने कहा कि इस बार सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी ताकत लगाकर चुनावी मैदान में उतरे हैं। लोकतंत्र में हर किसी को चुनाव लड़ने का और अपनी बात रखने का अधिकार है, और तेजस्वी यादव भी मजबूती से अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि बिहार की राजनीति हमेशा से दिलचस्प रही है और इस बार भी माहौल काफी रोमांचक है।
उन्होंने कहा कि एनडीए का गठबंधन बड़ा और संगठित है, जिसके कारण उनका पलड़ा कुछ भारी दिखाई दे रहा है। बाबा रामदेव ने पीएम मोदी के व्यक्तित्व की तुलना हिमालय से करते हुए कहा कि मोदी जैसी ऊंचाई और स्थिरता किसी अन्य नेता में शायद ही हो। उन्होंने यह भी कहा कि अब देखना है कि बिहार की जनता किस पर विश्वास करती है, क्योंकि अंत में लोकतंत्र में जनता ही सबसे बड़ी निर्णायक होती है।
इसके अलावा, दीपावली पर्व के अवसर पर, उन्होंने देशवासियों से स्वदेशी उत्पादों को अपनाने का संदेश दिया। उनका कहना था कि कोई भी राष्ट्र स्वदेशी के बिना आगे नहीं बढ़ सकता। उन्होंने लोगों से अपील की कि इस दीपावली पर विदेशी उत्पादों के स्थान पर भारतीय ब्रांड्स को अपनाएं और उन्हें मजबूत बनाएं।
उन्होंने यह भी कहा कि जब अपने देश के उत्पाद और उद्योग मजबूत होंगे, तभी भारत सच्चे अर्थों में आत्मनिर्भर बनेगा। बाबा रामदेव ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री भी 'वोकल फॉर लोकल' का संदेश दे रहे हैं, इसलिए हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह अपने देश के उत्पादों का समर्थन करे।
उन्होंने कहा कि अपने लोगों को इतनी ताकत दीजिए कि वे ना केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में छा जाएं।