क्या 'रेड कॉरिडोर' का दौर और आतंकवाद के काले दिन अब इतिहास बन चुके हैं?
सारांश
Key Takeaways
- एनडीए की प्रचंड जीत बिहार के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- समाज में समानता और अवसर का संकल्प लिया गया है।
- वंशवाद की राजनीति के खिलाफ विकासवाद का जनादेश।
- छठ पूजा को यूनेस्को की विरासत सूची में शामिल करने का प्रयास।
- बिहार ने जंगलराज की वापसी को रोकने का संकल्प लिया है।
नई दिल्ली, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार चुनाव की मतगणना जारी है। रुझानों में एनडीए को मिली प्रचंड जीत के बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में भाजपा मुख्यालय पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्र अब सच्चे सामाजिक न्याय के लिए मतदान कर रहा है। यह एक ऐसा दृष्टिकोण है जिसमें हर परिवार को अवसर, सम्मान और समानता प्राप्त हो। एक ऐसा समाज जहां तुष्टिकरण का कोई स्थान न हो। तुष्टिकरण के युग को अब सार्वभौमिक संतोष ने स्थान दे दिया है।
उन्होंने कहा कि भारत की जनता अब केवल विकास की इच्छा रखती है। भारत अब सच्चे सामाजिक न्याय के लिए वोट दे रहा है, जहां हर परिवार को समानता, सम्मान और अवसर प्राप्त होता है और जहां तुष्टिकरण के लिए कोई स्थान नहीं है।
पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि देशवासी अब तेज विकास चाहते हैं और एक विकसित भारत का निर्माण करना चाहते हैं। नई सरकार के साथ एनडीए बिहार में 25 वर्षों की स्वर्णिम यात्रा की ओर अग्रसर है। बिहार ने यह सुनिश्चित किया है कि यहां फिर कभी जंगलराज की वापसी नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि आज की जीत बिहार की उन बहनों और बेटियों की है, जिन्होंने आरजेडी के राज में जंगलराज का आतंक झेला है। यह जीत उन युवाओं की है, जिनका भविष्य कांग्रेस और लाल झंडे वालों के आतंक के कारण बर्बाद हुआ। आज के ये परिणाम वंशवाद की राजनीति के खिलाफ विकासवाद की राजनीति को दिया गया जनादेश है। रेड कॉरिडोर का दौर और आतंकवाद के काले दिन अब इतिहास बन चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज बिहार विकास के पथ पर निरंतर आगे बढ़ रहा है, और यह प्रगति अजेय है। ये नतीजे उन आलोचकों का करारा जवाब हैं जो बिहार में विकास का विरोध करते थे।
पीएम मोदी ने कहा कि बिहार के लोग भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन जिन लोगों ने दशकों तक शासन किया, उन्होंने बिहार को बदनाम किया।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार छठ को यूनेस्को की विरासत सूची में शामिल करने के लिए काम कर रही है। इसका उद्देश्य इस संस्कृति की वैश्विक पहचान को बढ़ावा देना है।