क्या बिहार के सीएम नीतीश ने एपीजे अब्दुल कलाम साइंस सिटी का निरीक्षण किया?
सारांश
Key Takeaways
- डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम साइंस सिटी बिहार में एक नया विज्ञान केंद्र है।
- यह छात्रों को विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाने का प्रयास कर रहा है।
- मुख्यमंत्री ने बच्चों को उत्साहित किया और विज्ञान के महत्व को बताया।
- यह केंद्र वैज्ञानिक विकास के इतिहास को संरक्षित करने का कार्य करेगा।
पटना, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को पटना के राजेंद्र नगर में 21 एकड़ के क्षेत्र में बनाए गए डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम साइंस सिटी के विभिन्न हिस्सों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने पूरे परिसर, विभिन्न गैलरियों और वैज्ञानिक प्रदर्शनों का बारीकी से अवलोकन किया।
मुख्यमंत्री ने वहां मौजूद बच्चों से बातचीत कर उनका उत्साह बढ़ाया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने कहा कि डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम साइंस सिटी एक विशेष दृष्टिकोण के साथ विकसित किया गया है। यह साइंस सिटी विज्ञान और नवाचार का एक आधुनिक केंद्र है जो सभी आयु वर्ग के लोगों को आकर्षित कर रहा है। यह देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी को समझने के लिए एक अनूठा केन्द्र है।
सीएम ने बताया कि इस साइंस सिटी का उद्देश्य युवा वर्ग में विज्ञान के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। यहां आने वाले छात्र-छात्राओं को विज्ञान की बुनियादी बातें, गतिविधियाँ और विज्ञान के सिद्धांतों को सरलता से समझने में मदद मिलेगी, जिससे उनकी विज्ञान में रुचि बढ़ेगी।
निरीक्षण के दौरान भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने मुख्यमंत्री को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम साइंस सिटी में उपलब्ध सुविधाओं और व्यवस्थाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस साइंस सिटी में विज्ञान आधारित पांच गैलरी, 269 रोचक विज्ञान प्रदर्शन, ऑडिटोरियम, 4डी थियेटर और छात्रों तथा शिक्षकों के लिए डोरमेट्री की सुविधा प्रमुख आकर्षण केंद्र हैं।
निरीक्षण के समय मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, भवन निर्माण विभाग के सचिव और मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, पटना प्रमण्डल के आयुक्त अनिमेश पराशर, जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम साइंस सिटी का निर्माण बिहार सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा लोगों के बीच विज्ञान को बढ़ावा देने और लोकप्रिय बनाने के लिए किया गया है। यह पटना के राजेंद्र नगर में स्थित है। इसका लक्ष्य विज्ञान को बढ़ावा देना और लोकप्रिय बनाना, साथ ही बिहार में वैज्ञानिक विकास के इतिहास को प्रदर्शित और संरक्षित करना है।