क्या नीतीश कुमार की लोकप्रियता के आगे तेजस्वी यादव की जबरदस्ती नहीं चल सकी?
सारांश
Key Takeaways
- बिहार विधानसभा के प्रारंभिक रुझान में एनडीए ने बढ़त बनाई।
- नीतीश कुमार की लोकप्रियता को लेकर सवाल उठाए गए।
- तेजस्वी यादव ने महागठबंधन सरकार बनाने का दावा किया।
- जदयू सांसद संजय झा ने तेजस्वी के बयानों का पलटवार किया।
- राजद की भाषा को लोकतंत्र के खिलाफ बताया गया।
पटना, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा की 243 सीटों पर प्रारंभिक रुझान सामने आने लगे हैं, जिसमें एनडीए ने बढ़त हासिल की है। एनडीए में शामिल दलों ने इसे नीतीश कुमार के विकास की जीत के रूप में पेश किया है।
जदयू सांसद संजय झा ने कहा कि राजद नेता तेजस्वी यादव को यह समझना चाहिए कि उन्हें आकलन करना होगा कि कहां कमी रह गई, क्योंकि उनके जबरदस्त बयान पर नीतीश कुमार की लोकप्रियता भारी पड़ी है।
जदयू सांसद ने कहा कि एनडीए की बढ़त के साथ नतीजे हमारी उम्मीदों और मिल रही प्रतिक्रियाओं के अनुसार हैं। मुझे विश्वास है कि एनडीए भारी अंतर से विजयी होगा।
तेजस्वी के शपथ संबन्धी बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए जदयू सांसद ने कहा कि वह मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे थे, जबकि उनके लोग विभाग बांटने और शपथ ग्रहण की तारीखें तय करने में लगे थे। लेकिन यह हमेशा जनता होती है जो निर्णय लेती है। नीतीश कुमार ने जनता से मिलकर उन्हें जो खुशी दी, उससे यह स्पष्ट होता है कि बिहार की जनता एक बार फिर एनडीए सरकार और नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहती है।
पटना की सड़कों को नेपाल-श्रीलंका बनाने जैसे बयानों पर जदयू सांसद ने कहा कि राजद की ऐसी भाषा लोकतंत्र के खिलाफ है। वे हार का बहाना ढूंढने लगे हैं।
उन्होंने कहा कि महागठबंधन निराशा में ऐसी बातें कर रहा है। उन्होंने वोट चोरी यात्रा निकाली थी, लेकिन प्रचार के दौरान एक शब्द भी नहीं कहा। यह झूठा बयान था और जनता यह समझ चुकी है।
ज्ञात हो कि हाल ही में एक प्रेस वार्ता में तेजस्वी यादव ने दावा किया था कि बिहार में महागठबंधन सरकार बनाने जा रही है, लेकिन प्रारंभिक रुझान में महागठबंधन पिछड़ता हुआ दिखाई दे रहा है।