क्या बिहार चुनाव में एनडीए की जीत जनता के सुशासन पर भरोसे का नतीजा है?
सारांश
Key Takeaways
- एनडीए की जीत ने बिहार में स्थिरता की आवश्यकता को दर्शाया है।
- जनता का विकास और सुशासन पर भरोसा है।
- महिला सुरक्षा और मखाना उद्योग पर ध्यान दिया जा रहा है।
नई दिल्ली, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत के बाद नेताओं के बीच खुशी की लहर देखने को मिल रही है। भाजपा के नेताओं ने इस बढ़त को जनता द्वारा विकास और सुशासन के समर्थन में दिए गए जनादेश का परिणाम कहा है।
गुजरात भाजपा के राज्य उपाध्यक्ष गोवर्धन झड़फिया ने बिहार की जनता का आभार व्यक्त किया और कहा कि लोगों ने एक बार फिर विकास के मार्ग और पिछले दो दशकों में हुए बदलाव पर विश्वास जताया है। उन्होंने कहा कि बिहार के मतदाताओं ने स्पष्ट संदेश दिया है कि वे स्थिरता और प्रगति के पक्ष में हैं।
इसके अलावा, भाजपा प्रवक्ता श्रद्धा राजपूत ने एनडीए की भारी जीत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुशासन के समर्थन के रूप में बताया। उन्होंने कहा कि बिहार में महिला सुरक्षा, मखाना उद्योग और विकास की राजनीति को जनता का समर्थन मिला है।
श्रद्धा ने बताया कि बिहार की जनता ने 20 वर्ष पहले लालू यादव के परिवार और जंगलराज को अलविदा कहा था। नया बिहार अपने बेहतर भविष्य को चुन चुका है। यह एक भयमुक्त बिहार है, जो प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सपनों का बिहार है। यदि जंगलराज और कुप्रबंधन नहीं होता, तो बिहार बहुत पहले ही विश्व पटल पर अपनी पहचान बना चुका होता, इसलिए जनता ने लालू यादव, कांग्रेस और महाठगबंधन की राजनीति को पूरी तरह नकार दिया है।
बछवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार सुरेंद्र मेहता ने कहा कि बिहार की जनता ने विकास और सुशासन के पक्ष में वोट दिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुए राष्ट्रीय स्तर के विकास और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बिहार में किए गए सुधारों एवं गरीबों के उत्थान के प्रयासों के परिणाम अब स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं।
मेहता ने कहा कि बिहार की जनता अब आगे बढ़ना चाहती है और प्रदेश को विकास चाहिए, न कि जंगलराज।