क्या बिहार-झारखंड सीमा पर कड़ी निगरानी से चुनावी प्रक्रिया सुरक्षित होगी?

सारांश
Key Takeaways
- पंजवारा चेकपोस्ट पर सघन वाहन जांच अभियान शुरू हुआ है।
- चुनाव के दौरान अवैध गतिविधियों की रोकथाम के लिए सुरक्षा बढ़ाई गई है।
- पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम चौकसी में जुटी है।
- स्थानीय निवासियों ने इस सख्त जांच व्यवस्था की प्रशंसा की है।
- यह अभियान चुनाव प्रक्रिया के अंत तक जारी रहेगा।
बांका, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बांका जिले के बिहार-झारखंड सीमा पर स्थित पंजवारा चेकपोस्ट वर्तमान में चुनावी चौकसी का मुख्य केंद्र बन चुका है। बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर यहां सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा किया गया है। प्रशासन के आदेश पर पुलिस और दंडाधिकारियों की एक संयुक्त टीम लगातार चौकसी में व्यस्त है।
जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर सीमा क्षेत्र में एक सघन वाहन जांच अभियान चलाया जा रहा है। सभी आने-जाने वाले वाहनों की विस्तृत जांच की जा रही है, ताकि किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि को समय पर रोका जा सके।
यह चेकपोस्ट बांका जिले को झारखंड के गोड्डा और दुमका जिलों से जोड़ता है, जिससे यह क्षेत्र चुनाव के दौरान सुरक्षा के नजरिए से अत्यंत संवेदनशील माना जाता है। पुलिस को आशंका है कि चुनावी माहौल में सीमा पार से अवैध शराब, हथियार, नकदी और अन्य आपत्तिजनक वस्तुओं की तस्करी की कोशिशें बढ़ सकती हैं।
पंजवारा थानाध्यक्ष चंदन कुमार ने बताया कि चुनाव को पूरी तरह शांतिपूर्ण और निष्पक्ष माहौल में संपन्न कराने के लिए यह अभियान विशेष रूप से चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा, "हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी व्यक्ति या वाहन बिना जांच के सीमा पार न जा सके। चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"
हाल ही में पुलिस ने जांच के दौरान एक युवक को चोरी की मोटरसाइकिल और मास्टर चाबी के साथ गिरफ्तार किया। युवक से पूछताछ जारी है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह अभियान चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक निरंतर जारी रहेगा। इसके अंतर्गत रात-दिन गश्त बढ़ा दी गई है और पुलिस बल को चौबीसों घंटे ड्यूटी पर तैनात किया गया है।
स्थानीय निवासियों के अनुसार, पंजवारा चेकपोस्ट पर इस प्रकार की सख्त जांच व्यवस्था चुनावी अवधि में पहली बार देखी जा रही है।
बांका पुलिस ने कहा है कि पंजवारा समेत सभी चेकपोस्ट पर सतर्कता और बढ़ाई जाएगी, ताकि लोकतंत्र का पर्व बिना किसी बाधा के संपन्न हो सके।