क्या मध्य प्रदेश में हर महीने लाडली बहनों को 1500 रुपए मिलेंगे?

सारांश
Key Takeaways
- लाडली बहनों को हर महीने 1500 रुपए की सहायता मिलेगी।
- यह योजना महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण है।
- मध्य प्रदेश पहला राज्य है जो इस तरह की योजना लागू कर रहा है।
- सरकार ने बहनों के लिए रोजगारपरक नीतियाँ तैयार की हैं।
- बहनें अपने उद्योग स्थापित कर सकती हैं।
भोपाल, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस) भाई दूज के अवसर पर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मुख्यमंत्री निवास पर एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घोषणा की कि लाडली बहनों को सरकार हर माह 1500 रुपए प्रदान करेगी, जबकि पहले उन्हें 1250 रुपए मिलते थे।
सीएम मोहन यादव ने भाई दूज के लिए कहा कि यह पर्व हमारी भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। यह भाई और बहन के बीच प्रेम और आपसी सहयोग का प्रतीक है। भाई दूज भाई-बहन के पवित्र रिश्ते और पारिवारिक मूल्यों को मजबूत बनाता है। यह पर्व भारतीय समाज की उस अद्भुत परंपरा का पालन करता है, जहाँ बहन के प्रति भाई का नैतिक दायित्व और जीवन भर उसकी रक्षा का संकल्प निहित है।
उन्होंने आगे कहा कि मुझे लाडली बहनों के रूप में 1 करोड़ 26 लाख से अधिक बहनें मिली हैं। हम बहनों के जीवन में नई उजाला और खुशियाँ जोड़ रहे हैं। प्रदेश की सभी लाडली बहनों को अब हर माह 1500 रुपए मिलेंगे। सरकार के खजाने में बहनों के लिए कोई कमी नहीं है। मध्य प्रदेश पहला ऐसा राज्य है, जहाँ लाडली बहना योजना के तहत बहनें हर महीने राखी और भाई दूज मनाती हैं।
सीएम मोहन यादव ने बताया कि राज्य सरकार अब तक लाडली बहनों को 29 किस्तों में लगभग 45 हजार करोड़ रुपए की सहायता राशि प्रदान कर चुकी है। भाई दूज के इस पावन पर्व पर उन्होंने सभी लाडली बहनों पर पुष्पवर्षा की और मुख्यमंत्री निवास में उनका स्वागत किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित बहनों ने मुख्यमंत्री को तिलक लगाया, साफा पहनाया और नारियल भेंट कर सम्मानित किया।
उन्होंने बहनों को उपहार दिए और मिठाई खिलाकर आभार व्यक्त किया। उपस्थित लाडली बहनों ने भाई-बहन के प्रेम और स्नेह पर केंद्रित निमाड़ी लोकगीत गाए, नृत्य किया और पारंपरिक स्वर लहरियों के साथ कार्यक्रम स्थल को अपनत्व से भरा।
सीएम यादव ने कहा कि भाई दूज का पर्व भगवान श्रीकृष्ण और उनकी प्यारी बहन सुभद्रा से जुड़ी एक कहानी से शुरू होता है। जो रक्षाबंधन का महत्व है, वही भाई दूज का भी है। राज्य सरकार ने रोजगारपरक नीतियाँ तैयार की हैं ताकि बहनों को उद्योग में काम करने पर 5000 रुपए की अतिरिक्त सहायता दी जा सके। यदि बहनें अपना उद्योग स्थापित करें तो उन्हें 2 प्रतिशत की छूट भी दी जाएगी। बहनों के नाम पर मकान, दुकान और ज़मीन की रजिस्ट्री कराने पर अलग से छूट का प्रावधान है। बहनें अपना उद्योग स्थापित कर समृद्ध बनें।