क्या बिहार के मंत्री राम कृपाल यादव ने सरकार के डिजिटली जनगणना कराने के फैसले की सराहना की?
सारांश
Key Takeaways
- टेक्नोलॉजी का उपयोग जनगणना में सुधार लाएगा।
- सरकार का निर्णय आम जनता के लिए सुविधाजनक है।
- राजनीतिक मुद्दों पर स्पष्टतापूर्वक राय रखना महत्वपूर्ण है।
- किसानों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
- समाज में सकारात्मक संदेश पहुँचाना आवश्यक है।
पटना, १३ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार सरकार के मंत्री राम कृपाल यादव ने जनगणना में टेक्नोलॉजी के उपयोग को लेकर सरकार के निर्णय की प्रशंसा की है। उनका कहना है कि टेक्नोलॉजी की सहायता से जनगणना प्रक्रिया में आम लोगों के लिए सुविधाएं बढ़ेंगी।
शनिवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए मंत्री राम कृपाल यादव ने जनगणना और लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के पोस्ट पर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी एक सटीक जवाब दिया।
मोबाइल ऐप के माध्यम से जनगणना को लेकर केंद्र सरकार के निर्णय का स्वागत करते हुए राम कृपाल यादव ने कहा, "मैं सरकार की इस पहल का अभिनंदन करता हूं। इससे आम लोगों के लिए चीजें सरल होंगी। टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा और इससे कई मौजूदा कमियों का समाधान होगा।"
रोहिणी आचार्य से जुड़े प्रश्न पर उन्होंने कहा कि यह उनका पारिवारिक मामला है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि यदि घर में पिता और माता के साथ रहकर किसी महिला की आँखों से आंसू बहते हैं, तो यह निश्चित रूप से दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे समाज में भी नकारात्मक संदेश जाता है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लेकर ममता बनर्जी की टिप्पणी पर राम कृपाल यादव ने कहा, "राजनीति में बोलने की एक सीमा होती है। ममता बनर्जी को चुनाव में हार का आभास हो रहा है। ममता बनर्जी और उनके समर्थकों को लगता है कि केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री के लिए अपशब्दों का उपयोग करने से अवैध रूप से रहने वाले लोग और अन्य वर्ग के मतदाता उनका समर्थन करेंगे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।"
फसल क्षतिपूर्ति के लिए आवेदन करने से चूक गए किसानों के मुद्दे पर उन्होंने कहा, "कई किसान मेरे पास आए थे। नई जगहों से भी सूचनाएं प्राप्त हुई हैं। जिन किसानों को क्षतिपूर्ति नहीं मिल पाई है, उनकी सहायता के लिए विचार किया जाएगा।"