क्या बिहार की जनता को मजबूत नेतृत्व पर भरोसा है? मुख्तार अब्बास नकवी
सारांश
Key Takeaways
- नीतीश कुमार ने 10वीं बार सीएम पद की शपथ ली।
- बिहार की जनता ने मोदी-नीतीश के नेतृत्व पर भरोसा जताया।
- भाजपा ने विपक्ष के वोट चोरी के आरोपों को खारिज किया।
- मुख्तार अब्बास नकवी ने आतंकवाद पर अपनी राय व्यक्त की।
- पाकिस्तान में प्रॉक्सी ग्रुप्स का सक्रिय होना।
नई दिल्ली, 20 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पटना के गांधी मैदान में गुरुवार को 10वीं बार नीतीश कुमार ने सीएम पद की शपथ ली। इस शपथ समारोह में पीएम मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री शामिल हुए। इधर, दिल्ली में भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि बिहार की जनता ने मोदी-नीतीश के मजबूत नेतृत्व पर भरोसा दिखाते हुए यह ऐतिहासिक बहुमत दिया है।
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि बिहार के लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के गवर्नेंस कमिटमेंट पर पक्का और मजबूत भरोसा है। देशभर में हुए चुनावों में जनता ने अच्छे शासन के लिए वोट दिया है और कुशासन को पूरी तरह से नकार दिया है। यह अपने आप में इस बात का सबूत है कि आज देश अच्छे शासन और सबको साथ लेकर चलने वाले एम्पावरमेंट के साथ मजबूती से खड़ा है।
विपक्ष के वोट चोरी के आरोपों पर भाजपा नेता ने कहा कि बिहार में भी यही असर देखने को मिला। वोटों में गड़बड़ी और वोटर मैनिपुलेशन को लेकर डर और कन्फ्यूजन पैदा करने की कोशिशें पूरी तरह फेल हो गईं। सो-कॉल्ड गठबंधन की हालत ऐसी है कि चुनाव खत्म होते ही गठबंधन खत्म हो जाता है। चुनाव से पहले वे गठबंधन बनाते हैं और चुनाव के बाद जनता खुद ही उसे तोड़ देती है। मुद्दों से बचना और बहाने बनाना उनकी पुरानी आदत बन गई है।
दिल्ली ब्लास्ट पर विपक्षी नेताओं के बयानों पर मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि कोई यह नहीं कह रहा कि सभी कश्मीरी आतंकवादी हैं, न ही कोई यह दावा कर रहा है कि किसी खास धर्म का व्यक्ति आतंकवादी है। कुछ पार्टियों की दिक्कत यह है कि वे आतंकवाद और अलगाववाद के कंधों पर सवार होकर सत्ता की सीढ़ियां चढ़ती हैं। इसलिए, उन्हें लगता है कि आतंकवाद और अलगाववाद का खत्म होना उनके राजनीतिक हितों के लिए नुकसानदायक होगा पर यह उनकी गलतफहमी है।
पाकिस्तान को निशाने पर लेते हुए भाजपा नेता ने कहा कि पाकिस्तान में कुछ प्रॉक्सी ग्रुप हैं। ऐसे लोग जो लगातार पाकिस्तान और पाकिस्तान-स्पॉन्सर्ड टेररिज्म के साथ जुड़े रहते हैं। जब भी टेररिस्ट के खिलाफ एक्शन होता है, तो उनकी बेचैनी और ‘दर्द’ साफ दिखता है। जब भी कराची पर कोई मुसीबत आती है तो यहां के ये लोग भी घायल और बेचैन दिखते हैं। इसीलिए वे हमेशा एक साथ रहते हैं।
आपको यह समझना चाहिए कि जब भी हमारे सिक्योरिटी फोर्स ने टेररिस्ट और उनके मास्टरमाइंड को उनके जुर्म के लिए जवाब दिया है, तो पाकिस्तान सबूत मांगता रहा है। सबूत और सवालों का यह मेल उनके लिए कोई नई बात नहीं है। यह उनकी पुरानी स्ट्रैटेजी का हिस्सा है।