क्या बिहार की जनता को नीतीश कुमार का विकास पसंद है, बनेगी एनडीए सरकार?
सारांश
Key Takeaways
- नीतीश कुमार के विकास कार्यों की सराहना की जा रही है।
- महिलाओं ने जदयू के पक्ष में मतदान किया है।
- अल्पसंख्यकों के हित में काम किया गया है।
- बिहार में शांतिपूर्ण चुनाव का माहौल रहा है।
- जनता ने पुनः नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया है।
पटना, 13 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर दो चरणों में हुए मतदान के बाद अब परिणामों का इंतजार किया जा रहा है।
14 नवंबर को परिणाम जारी होने से पहले पूर्व सांसद अहमद अशफाक करीम ने यह दावा किया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में विकास किया है और लोग उनके द्वारा किए गए विकास कार्यों को पसंद करते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों ने इस बार भी अपने कीमती वोट से उनकी सरकार को फिर से लाने का समर्थन किया है। मैं निश्चितता से कह सकता हूँ कि अगले पांच वर्षों के लिए नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में नेतृत्व करेंगे।
पटना में राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान पूर्व सांसद ने कहा, "मैं स्पष्ट रूप से कहता हूँ, मुझे विश्वास है कि लोगों ने अपना जनादेश दिया है और सबसे बड़ी पार्टी नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) होगी। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है, और जनता की इच्छाओं का पूरा सम्मान किया जाएगा।"
उन्होंने आगे कहा, "नीतीश कुमार ने बिहार के विकास के लिए, सभी समुदायों और गरीबों के हित में लंबे समय से काम किया है। उनके कार्यों को देखकर लोग चाहते हैं कि वह फिर से मुख्यमंत्री बनें। नीतीश कुमार ने बिहार की तरक्की के लिए हर जाति और बिरादरी के लिए काम किया है। मैं मानता हूँ कि बिहार की जनता ने उनके कार्यों के आधार पर उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया है।"
पूर्व सांसद ने कहा कि चुनाव के दौरान मैंने जहाँ भी यात्रा की, लोकसभा या विधानसभा चुनाव में, महिलाओं की लंबी कतारें थीं और विधानसभा चुनाव में 90 प्रतिशत जदयू के पक्ष में महिला मतदाताओं ने वोट दिया है। महिलाएं उनके काम की सराहना कर रही थीं। यदि नीतीश कुमार लंबे समय तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे तो विकास की गति बनी रहेगी। करीम ने कहा कि इतने वर्षों से वह विकास के लिए काम कर रहे हैं। कम पढ़ा-लिखा व्यक्ति नीतीश कुमार की जगह नहीं ले सकता। अल्पसंख्यकों ने भी उन्हें वोट किया है। नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यकों के लिए भी बहुत काम किया है और कभी भी किसी तरह का दंगा-फसाद नहीं होने दिया। सभी धर्मों के लोगों को साथ लेकर चलने की नीति रही है।