क्या राजौरी के कृषि उद्यमियों को सीएसएस का लाभ मिल रहा है?

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क्या राजौरी के कृषि उद्यमियों को सीएसएस का लाभ मिल रहा है?

सारांश

राजौरी के किसानों को केंद्र प्रायोजित योजना (सीएसएस) का लाभ मिल रहा है। यह योजना कृषि विकास और डिजिटल सशक्तीकरण को बढ़ावा देती है। उपायुक्त अभिषेक शर्मा ने पीओएस मशीनें और माइक्रो एटीएम वितरित किए हैं, जिससे किसानों को नई सेवाओं का लाभ मिलेगा। क्या इसके प्रभावी परिणाम देखने को मिलेंगे?

Key Takeaways

  • कृषि उद्यमियों को पीओएस मशीनें और माइक्रो एटीएम वितरित किए गए हैं।
  • यह योजना डिजिटल सशक्तीकरण को बढ़ावा देती है।
  • किसान खिदमत घरों से लाभान्वित होंगे।
  • उपायुक्त अभिषेक शर्मा ने इस पहल का समर्थन किया है।
  • सेवाएं दिव्यांग और बीमार किसानों के लिए भी उपलब्ध होंगी।

राजौरी, 13 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र प्रायोजित योजना (सीएसएस) का लाभ अब सीमावर्ती राजौरी जिले के किसानों तक पहुंच चुका है। इसका मुख्य उद्देश्य कृषि विकास और डिजिटल सशक्तीकरण को बढ़ावा देना है। राजौरी के उपायुक्त अभिषेक शर्मा ने गुरुवार को कृषि विभाग के सहयोग से समग्र कृषि विकास कार्यक्रम (एचएडीपी) के अंतर्गत किसान खिदमत घरों (केकेजी) के कृषि उद्यमियों (केयू) को पीओएस मशीनें और माइक्रो एटीएम वितरित किए।

इस कार्यक्रम में राजौरी के मुख्य कृषि अधिकारी राजेश वर्मा, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सीएससी ई-गवर्नेंस प्रमुख फैजान मंजूर और सीएससी के जिला प्रमुख शाहिद मलिक सहित कृषि विभाग के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।

इस पहल का उद्देश्य कृषि उद्यमियों को डिजिटल रूपडिजिटल भुगतान, वित्तीय लेनदेन और ई-गवर्नेंस जैसी कई सेवाएं प्रदान कर सकें। सीएससी आईडी से लैस, ये केयू बीज, उर्वरक और कीटनाशकों सहित आवश्यक कृषि आदानों की उपलब्धता को सुगम बनाएंगे। साथ ही यह भी सुनिश्चित करेंगे कि किसानों को डिजिटल पोर्टल के माध्यम से पीएम किसान और केंद्र सरकार की अन्य योजनाओं तक समय पर पहुंच मिले।

डीसी अभिषेक शर्मा ने कहा कि एचएडीपी योजना टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने, किसानों की आय में सुधार लाने और सीमावर्ती क्षेत्र के किसानों को डिजिटल और वित्तीय समावेशन से समान रूप से लाभान्वित करने के लिए बनाई गई है।

उन्होंने कहा कि राजौरी प्रशासन कृषि क्षेत्र को मजबूत करने, ग्रामीण उद्यमियों के लिए नए अवसर पैदा करने और जिले के हर किसान तक सरकारी लाभों की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी-संचालित पहलों का उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है।

कृषि उद्यमी (केयू) अनीस कसाना ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की कोशिश है कि ऑनलाइन सेवाएं लोगों के घरों के करीब आसानी से मिल जाएं। केयू सेंटर उसी की देन है और हर गांव में खोले जा रहे हैं। इससे खासकर गांव के बुजुर्गों को फायदा हो रहा है। सरकार की तरफ से यह भी निर्देश दिया गया है कि अगर कोई दिव्यांग और बीमार है तो हम उनके घर पर जाकर सेवाओं का लाभ दें।

डीसी अभिषेक शर्मा ने कहा कि यह पहल युवा कृषि उद्यमियों को अपनी आय बढ़ाने में मदद करेगी, साथ ही दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को आवश्यक सेवाएं प्रदान करेगी, जिससे किसानों को वन स्टॉप सेंटर मॉडल के माध्यम से एक ही छत के नीचे कई सेवाओं तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी।

सीएससी जम्मू-कश्मीर प्रमुख फजान मंजूर ने कहा कि यह वास्तव में किसानों को उनके घर के पास ही सुविधा प्रदान करने की दिशा में एक कदम है। प्रत्येक ग्राम पंचायत और गांव में, आपको स्थानीय स्तर पर सेवाएं प्रदान करने वाला एक सीएससी या केकेजी केंद्र मिल जाएगा। हमारे कई दिव्यांग नागरिकों और बुजुर्गों को भी उनके घर के पास ही सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।

Point of View

बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास के नए दरवाजे खोलेगा। यह योजना कृषि क्षेत्र को मजबूत करने और ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध होगी।
NationPress
13/11/2025

Frequently Asked Questions

सीएसएस योजना का क्या उद्देश्य है?
सीएसएस योजना का उद्देश्य कृषि विकास और डिजिटल सशक्तीकरण को बढ़ावा देना है।
पीओएस मशीनें किसके लिए वितरित की गई हैं?
कृषि उद्यमियों (केयू) को पीओएस मशीनें वितरित की गई हैं।
इस योजना का लाभ किन किसानों को मिलेगा?
यह योजना सीमावर्ती राजौरी जिले के किसानों को लाभान्वित करेगी।
क्या दिव्यांग लोगों को सेवाएं मिलेंगी?
हाँ, दिव्यांग और बीमार लोगों को उनके घर पर जाकर सेवाएं प्रदान की जाएँगी।
इस पहल से किसानों को क्या लाभ होगा?
इस पहल से किसानों को डिजिटल भुगतान और आवश्यक सेवाओं तक पहुंच प्राप्त होगी।