क्या बिहार में आचार संहिता लागू होते ही प्रशासन एक्शन में आया? 2 करोड़ से अधिक की नकदी-शराब जब्त

Click to start listening
क्या बिहार में आचार संहिता लागू होते ही प्रशासन एक्शन में आया? 2 करोड़ से अधिक की नकदी-शराब जब्त

सारांश

आचार संहिता लागू होते ही बिहार में प्रशासन ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है। भारी मात्रा में नकदी और शराब की जब्ती ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। जानें कैसे प्रशासन ने चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाने के लिए कदम उठाए हैं।

Key Takeaways

  • आचार संहिता लागू होते ही प्रशासन सक्रिय हुआ है।
  • 2 करोड़ से अधिक की नकदी और शराब जब्त की गई है।
  • मतदाताओं को प्रलोभित करने पर रोक लगाई गई है।
  • अभियान में विभिन्न प्रवर्तन एजेंसियां शामिल हैं।
  • उद्देश्य पारदर्शिता और निष्पक्षता है।

पटना, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा के साथ ही राज्य में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू कर दी गई है। जैसे ही आचार संहिता लागू हुई, निर्वाचन आयोग और स्थानीय प्रशासन सक्रिय हो गए हैं।

इस संदर्भ में, राज्य में प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा व्यापक निगरानी और गहन जांच अभियान चलाया जा रहा है। मतदाताओं को प्रलोभित करने के लिए नकदी, शराब, मादक पदार्थ, बहुमूल्य वस्तुएं और अन्य उपहारों के वितरण पर रोक लगाने के लिए ताबड़तोड़ कार्रवाई की जा रही है।

इस प्रक्रिया के तहत एजेंसियों ने बड़ी मात्रा में जब्ती की है। कार्रवाई के दौरान भारी मात्रा में नकदी, शराब, नशीले पदार्थ और अन्य चीजें बरामद की गई हैं। जब्त की गई वस्तुओं की कीमत दो करोड़ रुपए से अधिक बताई जा रही है।

यह ध्यान देने योग्य है कि राज्य में चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन, पुलिस, आबकारी विभाग, आयकर विभाग, नारकोटिक्स ब्यूरो, सीमा शुल्क और फ्लाइंग स्क्वॉड टीमों द्वारा लगातार संयुक्त अभियान चलाया जा रहा है।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि निगरानी को और मजबूत करते हुए प्रत्येक शिकायत पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करें। निर्वाचन आयोग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मतदाता बिना किसी प्रलोभन या दबाव के स्वतंत्र रूप से अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें।

इससे पहले, मंगलवार को ही पुलिस प्रशासन ने गोपालगंज जिले के नगर थाना क्षेत्र में वाहन तलाशी अभियान के दौरान एक वाहन से 7.50 लाख रुपए बरामद किए थे। बताया गया कि नगर थाना पुलिस टीम द्वारा वाहनों की जांच की जा रही थी, उसी दौरान एक वाहन से 7.50 लाख रुपए बरामद हुए थे।

प्रारंभिक पूछताछ के बाद वाहन पर सवार लोगों द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं दिए जाने के कारण पुलिस ने वाहन जब्त कर लिया।

गोपालगंज के पुलिस अधीक्षक अवधेश दीक्षित ने बताया कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद जिले में हर संदिग्ध गतिविधि पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत बड़ी राशि के लेनदेन या परिवहन पर रोक है।

उन्होंने जानकारी दी कि जिला पुलिस द्वारा अलग-अलग स्थानों पर वाहनों की तलाशी ली जा रही है। इसी दौरान सूचना प्राप्त हुई कि एक व्यक्ति द्वारा भारी मात्रा में नकदी का परिवहन किया जा रहा है। जब वाहन की तलाशी ली गई, तब वाहन से 7.50 लाख रुपए बरामद हुए। मामले में संबंधित व्यक्ति से दस्तावेज़ और सबूत मांगे गए हैं, लेकिन अब तक संतोषजनक जवाब नहीं मिला है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखना जरूरी है। बिहार में प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम यह दर्शाते हैं कि चुनावी प्रणाली को मजबूत करने का प्रयास किया जा रहा है। यह समय है जब सभी पक्षों को अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।
NationPress
07/10/2025

Frequently Asked Questions

बिहार में आचार संहिता लागू करने का कारण क्या है?
आचार संहिता का उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना है।
प्रशासन ने कितनी राशि की जब्ती की है?
प्रशासन ने 2 करोड़ रुपए से अधिक की नकदी और शराब जब्त की है।
क्या चुनाव में मतदाता को प्रलोभित करने पर रोक है?
हाँ, मतदाता को प्रलोभित करने के लिए नकदी, शराब, और अन्य उपहारों के वितरण पर रोक है।