क्या जम्मू कश्मीर में भूमि धोखाधड़ी मामले में कोर्ट ने दो आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा?
सारांश
Key Takeaways
- भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के मामलों में सतर्क रहना आवश्यक है।
- सरकारी अधिकारियों की जिम्मेदारी को समझना और उनका दुरुपयोग रोकना चाहिए।
- सामाजिक न्याय और अधिकारों के प्रति सजग रहना हम सभी का कर्तव्य है।
श्रीनगर, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू), क्राइम ब्रांच कश्मीर ने एक महत्वपूर्ण भूमि धोखाधड़ी मामले में चार्जशीट पेश करते हुए दो आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। यह चार्जशीट अनंतनाग में एंटी-करप्शन कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत की गई।
जिन आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है, उनकी पहचान मुश्ताक अहमद भट, निवासी बाबापोरा काजीगुंड, तहसील देवसर (कुलगाम) और मोहम्मद यूसुफ डार, निवासी खंडीपहाड़ी, हर्णाग (अनंतनाग) के रूप में हुई है।
यह मामला तब उजागर हुआ जब एक शिकायत दर्ज की गई कि पटवारी हल्का खंडीपहाड़ी के रूप में कार्यरत मुश्ताक अहमद भट ने शिकायतकर्ता के भाइयों के साथ मिलकर ख्वात नंबर 5 और 7 के अंतर्गत आने वाली भूमि की धोखाधड़ी से म्यूटेशन करा दी। यह भूमि पहले से ही अदालत में विचाराधीन थी और अदालत ने इस पर यथास्थिति बनाए रखने का स्पष्ट आदेश दिया था, जिसकी जानकारी राजस्व रिकॉर्ड में भी दर्ज थी।
पटवारी ने इन तथ्यों को छिपाते हुए विवादित भूमि का एक हिस्सा बेचने में सहूलियत दी और फर्जी तरीके से म्यूटेशन तैयार किए।
जांच में यह भी पता चला कि आरोपी मोहम्मद यूसुफ डार ने अपनी मां के नाम पर एक फर्जी गिफ्ट डीड तैयार करवाई। जब पुलिस ने गिफ्ट डीड पर दर्ज गवाहों से पूछताछ की तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उन्होंने किसी भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं किए।
शिकायतकर्ता ने यह भी बताया कि राजस्व रिकॉर्ड की प्रतियां उपलब्ध कराने के लिए पटवारी ने पैसे की मांग की। इतना ही नहीं, वरिष्ठ राजस्व अधिकारियों के पास शिकायत करने के बावजूद उस पर कोई विभागीय कार्रवाई नहीं हुई।
प्राथमिक पूछताछ में आरोप सही पाए गए, जिसके बाद एफआईआर दर्ज की गई।
कार्रवाई के दौरान अदालत ने मुख्य आरोपी मुश्ताक अहमद भट और मोहम्मद यूसुफ डार को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
क्राइम ब्रांच ने कहा है कि आर्थिक अपराधों और धोखाधड़ी करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। विभाग ने आम जनता से अपील की है कि वे ऐसे मामलों में सतर्क रहें और किसी भी संदेहास्पद गतिविधि की तुरंत सूचना दें।