क्या चुनाव आयोग ने बिहार की अंतिम निर्वाचक सूची जारी की?

सारांश
Key Takeaways
- अंतिम निर्वाचक सूची का प्रकाशन विधानसभा चुनावों की तैयारियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- मतदाता अब ऑनलाइन अपने नाम की जानकारी देख सकते हैं।
- बिहार में 65,64,075 मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं।
- इस प्रक्रिया में सुप्रीम कोर्ट का भी दखल हुआ है।
- राजनीतिक दलों को चुनाव आयोग के निर्णयों का सम्मान करना चाहिए।
नई दिल्ली, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत मंगलवार (30 सितंबर 2025) को अंतिम निर्वाचक सूची का प्रकाशन किया गया है। राज्य के सभी पात्र मतदाता अब ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अपने नाम की जानकारी देख सकते हैं।
चुनाव आयोग ने एक लिंक साझा किया है, जिस पर मतदाता अपने नाम, पते और अन्य विवरण की पुष्टि कर सकते हैं।
निर्वाचक सूची का प्रकाशन विधानसभा चुनावों की तैयारियों में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
इससे पहले, एक अगस्त को चुनाव आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया के बाद पहला संशोधित वोटर लिस्ट ड्राफ्ट जारी किया था। बिहार के 243 विधानसभा क्षेत्रों के 90,817 मतदान केंद्रों के लिए तैयार मतदाता सूची का प्रारूप मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ भी साझा किया गया था।
जानकारी के अनुसार, एसआईआर के पहले चरण में कुल 65,64,075 मतदाताओं के नाम हटाए गए थे। इनमें फर्जी मतदाता और मृतक मतदाता शामिल थे। साथ ही, उन लोगों के भी नाम हटाए गए थे, जिनका वोटर आईडी कार्ड किसी अन्य राज्य में बना हुआ है। हालांकि, इस पर कई नेताओं ने आपत्ति भी दर्ज कराई थी, जिस पर जमकर बहस चली थी।
खासकर विपक्षी पार्टियों के नेता राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, मल्लिकार्जुन खरगे, मनोज झा समेत अन्य नेताओं ने चुनाव आयोग पर निशाना साधा था और फर्जी अवैध मतदाताओं के नाम हटाए जाने पर जमकर बवाल किया था।
इन सबके बीच, यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट तक भी ले जाया गया, जहां एसआईआर की प्रक्रिया में आधार कार्ड को भी एक दस्तावेज के रूप में शामिल किए जाने को लेकर अंतरिम निर्देश जारी किया गया था।