बिहार में कुख्यात टार्जन-रमेश गिरोह के 15 चोरों की गिरफ्तारी क्या है?

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बिहार में कुख्यात टार्जन-रमेश गिरोह के 15 चोरों की गिरफ्तारी क्या है?

सारांश

बिहार के औरंगाबाद में पुलिस ने टार्जन-रमेश गिरोह का पर्दाफाश कर 15 अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह ने लाखों रुपये की रेल संपत्ति की चोरी की थी। जानिए इस बड़ी सफलता की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • बिहार में टार्जन-रमेश गिरोह का भंडाफोड़ हुआ।
  • 15 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया।
  • 3.5 करोड़ की रेल संपत्ति चुराई गई।
  • गिरोह के सदस्य चोरी की संपत्ति को पश्चिम बंगाल में बेचते थे।
  • पुलिस की विशेष जांच दल ने कार्रवाई की।

औरंगाबाद, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के औरंगाबाद जिले की पुलिस ने एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल करते हुए अंतर्राज्यीय रेल संपत्ति चोरों के कुख्यात 'टार्जन-रमेश गिरोह' का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस गिरोह के सरगना सहित 15 अपराधियों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस के मुताबिक, 23 अगस्त को बारूण थाना क्षेत्र के सोननगर टीएसएस से एक बड़ी चोरी हुई थी, जिसमें मेसर्स ब्लू स्टार कंपनी के बेस कैम्प से लगभग 3.5 करोड़ रुपए की रेल संपत्ति चुराई गई थी। चोरी हुए सामान में ट्रांसफॉर्मर का तेल, साइट प्लेट के नट और ट्रांसफॉर्मर के मूल्यवान पुर्जे शामिल थे। इस घटना के बाद कंपनी के एचआर मैनेजर ने बारूण थाना में शिकायत दर्ज कराई थी।

सदर एसडीपीओ संजय कुमार पांडेय ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक अंबरीष राहुल ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया। इस दल ने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और डेहरी पुलिस की टीम के साथ मिलकर सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी विश्लेषण के आधार पर गिरोह के सदस्य रमेश चौधरी को गिरफ्तार किया। रमेश चौधरी ने प्रारंभ में कुछ नहीं बताया, लेकिन कड़ी पूछताछ के बाद उसने पूरे मामले की जानकारी दी।

उसकी निशानदेही पर पुलिस ने सोननगर और आसपास के इलाके में छापेमारी कर गिरोह के अन्य 14 सदस्यों को गिरफ्तार किया।

पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि चोरी किए गए तारों को वे पश्चिम बंगाल के बर्द्धमान जिले में स्थित एक कबाड़ की दुकान में बेच देते थे। वहां से प्राप्त धन को गिरोह के सदस्य आपस में बांट लेते थे। इससे पहले भी इन लोगों ने इस प्रकार की कई घटनाओं को अंजाम दिया है।

पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर बारूण थाना लाया और उनसे पूछताछ की, जिसमें उन्होंने अपना अपराध स्वीकार किया और इनके पास से भारी मात्रा में चोरी का सामान बरामद किया है, जिसमें मुख्य रूप से कॉपर तार शामिल हैं।

एसडीपीओ पांडेय ने यह भी कहा कि मामले की जांच अभी जारी है और इस गिरोह से जुड़े अन्य अपराधियों को भी जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।

Point of View

बल्कि यह हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि हमें ऐसे अपराधों को रोकने के लिए और क्या कदम उठाने चाहिए। पूरे देश को इस मामले से सीखने की आवश्यकता है।
NationPress
10/12/2025

Frequently Asked Questions

बिहार में टार्जन-रमेश गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी कब हुई?
गिरफ्तारी 10 दिसंबर को हुई।
गिरोह ने कितनी संपत्ति की चोरी की?
गिरोह ने लगभग 3.5 करोड़ रुपए की संपत्ति चुराई।
पुलिस ने गिरोह को कैसे पकड़ा?
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी विश्लेषण के आधार पर गिरोह के सरगना को गिरफ्तार किया।
गिरोह की गतिविधियाँ कहाँ होती थीं?
गिरोह के सदस्य चोरी की गई संपत्ति को पश्चिम बंगाल में बेचते थे।
क्या पुलिस ने अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया?
हाँ, पुलिस ने गिरोह के अन्य 14 सदस्यों को भी गिरफ्तार किया।
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