क्या बिहार में 'बड़े भाई' की भूमिका निभा रहा है आरजेडी?

सारांश
Key Takeaways
- आरजेडी का 'बड़े भाई' की भूमिका में होना महागठबंधन की ताकत को दर्शाता है।
- तेजस्वी यादव की कलम बांटने की पहल एक नई सोच को दर्शाती है।
- कांग्रेस और अन्य दलों के साथ सीट बंटवारे की चर्चाएँ चल रही हैं।
नई दिल्ली, 20 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार की राजनीति में महागठबंधन के भीतर ‘बड़े भाई’ की भूमिका को लेकर चर्चा तेज हो गई है। चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस की सक्रियता और सीट बंटवारे पर चल रही बातों के बीच, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने स्पष्ट किया है कि बिहार में सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत वही है और महागठबंधन में नेतृत्वकारी भूमिका भी उसी की होगी।
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने शनिवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से विशेष बातचीत में कहा, "हर चुनाव में बिहार में आरजेडी ने बड़े भाई की भूमिका निभाई है और आगे भी निभाएगी। आरजेडी सबसे बड़ी राजनीतिक शक्ति है और इसकी असली ताकत जमीन पर है। यह बात सबको समझ में आती है, इसमें किसी भी तरह का कोई भ्रम या संदेह नहीं है।"
भाजपा नेताओं द्वारा आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के बिहार अधिकार यात्रा के दौरान लोगों को कलम बांटने पर की गई आलोचना पर तिवारी ने तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा, "जो लोग तलवार और बंदूकें बांटते हैं, वे कलम की कीमत कभी नहीं समझ सकते। तेजस्वी यादव ने वहां पेन बांटे, जहां आमतौर पर हथियार बांटे जाते थे। यही सोच का फर्क है। तेजस्वी यादव कलम बांटते हैं और दूसरी तरफ बंदूक-तलवार बांटने वाले लोग हैं। यही असली लड़ाई है।"
महागठबंधन में सीटों के तालमेल को लेकर कांग्रेस द्वारा की गई बैठकों पर भी आरजेडी ने अपनी स्थिति स्पष्ट की। मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि गठबंधन में अलग-अलग दल हैं। हम चुनाव गठबंधन का हिस्सा बनकर लड़ते हैं। हर पार्टी के अपने कार्यक्रम और नीतियां होती हैं और वे संगठन को मजबूत करने के लिए बैठक करती हैं। अगर कोई सहयोगी दल मजबूत होता है, तो पूरा गठबंधन मजबूत होता है। लेकिन कांग्रेस भी अच्छी तरह समझती है कि बिहार में सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी है और असली ताकत जमीन पर है। जमीनी हकीकत को हमारे सहयोगी दल भी समझते हैं।