क्या बिहार में बंपर वोटिंग से प्रशांत किशोर खुश हैं? जनता के पास है विकल्प?
सारांश
Key Takeaways
- बंपर वोटिंग का होना बिहार में बदलाव का संकेत है।
- प्रशांत किशोर ने जनसुराज को विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया है।
- छठ के बाद के प्रवासी मजदूरों की भूमिका महत्वपूर्ण है।
- बिहार में मतदान का प्रतिशत ऐतिहासिक रूप से उच्च है।
- सम्राट चौधरी को अपने मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
गयाजी, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने 6 नवंबर को बिहार की 121 सीटों पर पहले चरण में हुई बंपर वोटिंग पर खुशी जाहिर की है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की जनता के पास जनसुराज के रूप में एक विकल्प मिल गया है, इसलिए बिहार की जनता ने इतनी बड़ी संख्या में मतदान किया।
गयाजी में मीडिया से बातचीत के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज की सबसे बड़ी सफलता यह है कि लोगों के पास अब एक विकल्प है। भाजपा के डर से नीतीश-भाजपा को वोट देने की मजबूरी समाप्त हो गई है। लोग उत्साहित हैं क्योंकि उन्हें एक नया विकल्प, एक नया मार्ग दिखाई दे रहा है। इसीलिए इतनी बड़ी संख्या में मतदान हुआ है।
उन्होंने कहा कि इस बार मतदान का प्रतिशत आज़ादी के बाद से अब तक का सबसे अधिक है। मैं महीनों से कह रहा हूं कि बिहार में 60 प्रतिशत से अधिक लोग बदलाव की चाह रखते हैं। अब, जनसुराज के कारण लोगों के पास एक विकल्प है। बढ़ा हुआ मतदान प्रतिशत दर्शाता है कि लोग विकल्प पाकर खुश हैं, और छठ के बाद यहां रुके प्रवासी मजदूरों ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वे इन चुनावों में एक्स फैक्टर हैं। जन सुराज को पूरा भरोसा है। 14 नवंबर को इतिहास लिखा जाएगा।
Bihar के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी पर निशाना साधते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि सम्राट चौधरी को पहले इस बात की चिंता करनी चाहिए कि तारापुर में वे जीत रहे हैं या हार रहे हैं। उन्हें खुद पर ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सम्राट चौधरी जैसे नेता कभी नीतीश कुमार को लाते हैं, कभी राजनाथ सिंह को, क्योंकि उन्हें हार का इतना डर है कि वे एनडीए के हर बड़े नेता को बुलाकर उनके लिए सभाएं और रैलियां करवा रहे हैं। अगर जीत सुनिश्चित है तो बड़े नेताओं की रैलियां क्यों करवा रहे हैं? उनके पास जनता के बीच कोई मुद्दा नहीं है, लोग उन्हें क्यों चुनेंगे?
उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव तो छह महीने पहले से खुद को मुख्यमंत्री मान चुके हैं, धरातल पर क्या चल रहा है, उन्हें मालूम नहीं। किसी पार्टी ने नहीं कहा था कि इस चुनाव में भारी तादाद में मतदान होगा।