क्या बिहार में गरीबों की मसीहा है एनडीए सरकार? लालू-तेजस्वी इससे परेशान क्यों हैं: गिरिराज सिंह

सारांश
Key Takeaways
- एनडीए सरकार ने पेंशन राशि को तीन गुना बढ़ाया है।
- तेजस्वी यादव ने पेंशन वृद्धि का श्रेय अपनी पार्टी को दिया।
- राजद के 15 साल के कार्यकाल की कमियों को उजागर किया गया।
- लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव को एनडीए सरकार से परेशानी है।
- बिहार में गरीबों के उत्थान के लिए एनडीए सरकार की कोशिशें जारी हैं।
बेगूसराय, 22 जून (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के उस बयान पर जोरदार पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि उनके दबाव के चलते ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वृद्धजनों, दिव्यांगजनों और विधवा महिलाओं को मिलने वाली पेंशन राशि को बढ़ाई है।
गिरिराज सिंह ने कहा कि लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव को इस बात से परेशानी हो रही है कि बिहार में गरीबों का दुख दूर करने वाली एनडीए सरकार है।
अपने संसदीय क्षेत्र बेगूसराय पहुंचे गिरिराज सिंह ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने राजद के 15 साल के कार्यकाल की कमियों को उजागर किया। उन्होंने कहा, "बिहार में उनकी सरकार रही, गरीबों, वंचितों के उत्थान के लिए कौन से काम किए गए। इनकी 15 साल की सरकार सिर्फ जुमलेबाजी में निकली। आज प्रदेश में गरीबों की सुध लेने वाली सरकार है।"
गिरिराज सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद यादव गरीब विरोधी हैं। उन्होंने यह भी कहा, "ये लोग जुमलेबाजी के पोस्टर हैं। बिहार की सरकार ने गरीबों की पेंशन को तीन गुना बढ़ा दिया है। इससे इन्हें टेंशन होने लगी है।" गिरिराज ने सोशल मीडिया पर लिखा, "मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार ने दिव्यांगजनों, वृद्धजनों व विधवाओं की सामाजिक सुरक्षा पेंशन 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये कर दी है। यह केवल आर्थिक सहयोग नहीं, बल्कि आत्मसम्मान और सामाजिक न्याय का संकल्प है। लालटेन युग ने जिन सपनों को अंधेरे में छोड़ा, एनडीए सरकार ने उन्हें रोशनी दी है।"
शनिवार को तेजस्वी यादव ने पेंशन राशि बढ़ाए जाने का श्रेय अपनी पार्टी को दिया था। उन्होंने कहा कि यह सब दिखाता है नीतीश कुमार और भाजपा का ध्यान केवल चुनाव पर है। बिहार के सभी वृद्धजन, दिव्यांगजन एवं विधवा माताओं को स्पष्ट दिख रहा है कि यह केवल और केवल विपक्ष में रहते हमारे बनाए गए दबाव के कारण ही संभव हो पाया।