क्या उपभोक्ता आयोग ने स्पाइसजेट को गलत टिकट जारी करने पर 25,000 रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया?

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क्या उपभोक्ता आयोग ने स्पाइसजेट को गलत टिकट जारी करने पर 25,000 रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया?

सारांश

उपभोक्ता आयोग ने स्पाइसजेट को गलत टिकट जारी करने के मामले में 25,000 रुपए का मुआवजा देने का निर्देश दिया है। यह मामला एक वरिष्ठ नागरिक के अनुभव से जुड़ा है, जिसने अपनी परीक्षा में शामिल होने के लिए टिकट बुक किया था, लेकिन एयरलाइन की गलती के कारण उसे मानसिक और वित्तीय हानि का सामना करना पड़ा।

Key Takeaways

  • उपभोक्ता अधिकार की रक्षा आवश्यक है।
  • एयरलाइनों को अपनी सेवाओं में सुधार करना चाहिए।
  • गलत टिकट जारी करने से मानसिक तनाव और वित्तीय नुकसान हो सकता है।

नई दिल्ली, 22 जून (राष्ट्र प्रेस) उपभोक्ता आयोग ने एक वरिष्ठ नागरिक को गलत टिकट जारी करने के लिए स्पाइसजेट को 25,000 रुपए का मुआवजा देने का निर्देश दिया है।

मुंबई (उपनगरीय) में जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने माना कि गलत टिकट जारी होने के कारण वरिष्ठ नागरिक को मानसिक तनाव और वित्तीय नुकसान हुआ है, इस कारण एयरलाइन को उन्हें उचित मुआवजा देना होगा।

यह घटना दिसंबर 2020 में हुई, जब घाटकोपर के एक वरिष्ठ नागरिक ने स्पाइसजेट से मुंबई से दरभंगा के लिए राउंड-ट्रिप टिकट बुक किया था। हालांकि, उनकी प्रारंभिक यात्रा योजना के अनुसार हुई, लेकिन खराब मौसम के कारण वापसी की उड़ान रद्द कर दी गई।

यात्री ने एयरलाइन को बताया कि उसे 8 दिसंबर को मुंबई में पीएचडी ऑनलाइन परीक्षा में शामिल होना था, ऐसे में स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एयरलाइन ने पटना और कोलकाता के माध्यम से वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था की।

हालांकि, यह रिप्लेसमेंट बुकिंग अव्यवस्थित निकली। कोलकाता से मुंबई के लिए कनेक्टिंग फ्लाइट यात्री के पटना से कोलकाता पहुंचने से पहले ही रवाना होने वाली थी।

इस गलती के कारण वह पटना में फंस गए, जिससे उन्हें अपने पैसे से अगले दिन के लिए एक नया टिकट खरीदना पड़ा। नतीजतन, उन्हें अपनी जरूरी ऑनलाइन परीक्षा भी छोड़नी पड़ी।

बाद में वरिष्ठ नागरिक ने एयरलाइन पर लापरवाही और सेवा में कमी का आरोप लगाते हुए उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने मानसिक पीड़ा के लिए 2 लाख रुपए और कानूनी खर्च के लिए 25,000 रुपए के साथ 14,577 रुपए की वापसी की मांग की।

स्पाइसजेट ने जवाब में कहा कि खराब मौसम के कारण उड़ान रद्द कर दी गई थी, जो उनके नियंत्रण से बाहर था और उन्होंने बुकिंग एजेंट के माध्यम से टिकट का किराया वापस कर दिया था।

उन्होंने यह भी कहा कि यात्री को वैकल्पिक उड़ान टिकट मुफ्त में जारी किया गया था।

उपभोक्ता आयोग ने स्वीकार किया कि उड़ान रद्द करना एयरलाइन की गलती नहीं थी, लेकिन कहा कि गलत टिकट जारी करना स्पष्ट रूप से लापरवाही थी।

आयोग ने टिप्पणी की कि टिकट जारी करते समय सावधानीपूर्वक जांच करके यात्री को आगे की परेशानी से बचाया जा सकता था। इस कारण आयोग ने यह निष्कर्ष निकाला कि अनावश्यक तनाव और असुविधा पैदा करने के लिए एयरलाइन दोषी थी।

17 जून को पारित अपने अंतिम आदेश में आयोग ने स्पाइसजेट को मानसिक पीड़ा के लिए 25,000 रुपए का मुआवजा और मुकदमे के खर्च के लिए 5,000 रुपए देने का निर्देश दिया।

Point of View

मैं मानता हूँ कि उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करना अत्यंत आवश्यक है। यह घटना स्पष्ट रूप से बताती है कि एयरलाइनों को अपनी सेवाओं में सुधार करने की आवश्यकता है, ताकि ऐसे मामलों में उपभोक्ताओं को मानसिक और वित्तीय हानि का सामना न करना पड़े।
NationPress
22/06/2025

Frequently Asked Questions

उपभोक्ता आयोग ने स्पाइसजेट को क्यों मुआवजा देने का आदेश दिया?
उपभोक्ता आयोग ने स्पाइसजेट को गलत टिकट जारी करने के कारण मानसिक तनाव और वित्तीय नुकसान के लिए मुआवजा देने का आदेश दिया।
क्या स्पाइसजेट ने मुआवजा स्वीकार किया?
स्पाइसजेट ने कहा कि उड़ान रद्द करना उनके नियंत्रण से बाहर था, लेकिन आयोग ने उनकी लापरवाही को स्वीकार किया।
इस मामले में वरिष्ठ नागरिक ने कितने पैसे की मांग की थी?
वरिष्ठ नागरिक ने मानसिक पीड़ा के लिए 2 लाख रुपए और कानूनी खर्च के लिए 25,000 रुपए की मांग की थी।