क्या बिहार में घुसपैठियों और फर्जी वोटिंग के खिलाफ कार्रवाई से लोकतंत्र मजबूत होगा?

सारांश
Key Takeaways
- फर्जी वोटिंग के खिलाफ कार्रवाई लोकतंत्र को मजबूत करती है।
- सही मतदाता पहचान सुनिश्चित करना आवश्यक है।
- घुसपैठियों का देश की सुरक्षा पर प्रभाव पड़ता है।
- स्वच्छ मतदाता सूची लोकतंत्र का आधार है।
- आरएसएस का योगदान समाज सेवा में महत्वपूर्ण है।
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीराज नायर ने बिहार में निवास कर रहे घुसपैठियों और फर्जी वोटिंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई को लोकतंत्र की मजबूती के लिए एक आवश्यक कदम बताया है।
उन्होंने चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची से फर्जी नाम हटाने और सही मतदाताओं की पहचान सुनिश्चित करने के प्रयासों की सराहना की।
श्रीराज नायर ने कहा कि बिहार में रह रहे घुसपैठियों और बोगस वोटिंग करने वालों पर कार्रवाई लोकतंत्र को मजबूत करेगी। फर्जी नाम हटाकर सही मतदाताओं की पहचान सुनिश्चित करना आवश्यक है, इसके लिए मैं चुनाव आयोग का धन्यवाद करना चाहता हूं। पाकिस्तान और बांग्लादेश से अवैध रूप से आए लोग न केवल बिहार बल्कि पूरे देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं। ऐसे लोगों को बाहर कर सुरक्षित चुनाव प्रणाली कायम करनी होगी।
उन्होंने कहा कि स्वच्छ और निष्पक्ष मतदाता सूची लोकतंत्र का आधार है, ऐसे में मेरा मानना है कि यह कदम लोकतंत्र की मजबूती की दिशा में सराहनीय है। मैं उम्मीद करता हूं कि भविष्य में भी इस तरह के प्रयास जारी रहेंगे, जिससे देश में सुरक्षित और पारदर्शी चुनाव प्रणाली स्थापित हो सके।
इसके साथ ही, श्रीराज नायर ने दशहरा के पावन अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्थापना के सौ वर्ष पूरे होने पर संगठन को बधाई दी।
उन्होंने कहा कि दशहरा के इस अवसर पर हम संघ के सौ वर्ष पूर्ण होने की ऐतिहासिक उपलब्धि का स्मरण करते हैं। 1925 में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा स्थापित यह संगठन आज विश्व के विभिन्न देशों तक फैल चुका है। संघ ने हमेशा समाज सेवा और राष्ट्रहित को प्राथमिकता दी है।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं और कठिन परिस्थितियों में संघ के स्वयंसेवक सबसे पहले सहायता के लिए आगे आए हैं। चाहे बाढ़ हो, भूकंप हो या अन्य आपदा, संघ के कार्यकर्ता सबसे पहले मदद के लिए पहुंचते हैं। यह संगठन भारतीय संस्कृति, मूल्यों और राष्ट्रनिर्माण के लिए एक प्रेरणा है। मेरा मानना है कि आने वाले समय में भी संघ का योगदान राष्ट्रनिर्माण में अमूल्य रहेगा और सामाजिक एकता को और मजबूत करेगा।
श्रीराज नायर ने दशहरा के अवसर पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पर्व हमें बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है और समाज को एकजुट होकर राष्ट्रहित में कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करता है।