क्या बिहार में मल्लाह का बेटा उपमुख्यमंत्री बन रहा है? भाजपा को क्यों हो रही है तकलीफ?
सारांश
Key Takeaways
- मुकेश सहनी का उपमुख्यमंत्री चयन बिहार की राजनीति में बदलाव को दर्शाता है।
- भाजपा की चिंता इस बात का संकेत है कि वे नए नेतृत्व को लेकर संतुष्ट नहीं हैं।
- बिहार की जनता जल्द ही अपना निर्णय सुनाएगी।
पटना, 24 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के चुनाव में महागठबंधन की तरफ से वीआईपी के संस्थापक मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीदवार घोषित किया गया है। डिप्टी सीएम के रूप में चुने जाने के बाद मुकेश सहनी ने भाजपा पर प्रहार करते हुए सवाल उठाया कि मछुआरे के बेटे के उपमुख्यमंत्री बनने से उन्हें इतनी परेशानी क्यों हो रही है?
वीआईपी के संस्थापक मुकेश सहनी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि भाजपा को चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। यही भाजपा है जिसने कभी हमारे अल्पसंख्यक भाइयों को भारत छोड़ने के लिए कहा था। अब वे डरने लगे हैं। बिहार की जनता जल्दी ही उन्हें जवाब देने वाली है।
उन्होंने कहा कि हम अल्पसंख्यकों के हित में सोच लेंगे, भाजपा को चिंता करने की जरूरत नहीं है। उनके पास शाहनवाज हुसैन जैसे नेता हैं; उन्हें उसके बारे में सोचना चाहिए। भाजपा को नफरत की राजनीति बंद कर देनी चाहिए और देश के लिए काम करना चाहिए।
वीआईपी के संस्थापक ने कहा कि भाजपा इसलिए परेशान है कि एक दलित और पिछड़ा जाति का लड़का कैसे बिहार का उपमुख्यमंत्री बनने जा रहा है। हमें याद है कि उन्होंने हमारे विधायक को कैसे खरीदा और हमें सरकार से बाहर कर दिया।
उन्होंने आगे कहा कि कई सीटों पर हमारे प्रत्याशी अपना नाम वापस ले रहे हैं। हमारे बीच इस पर चर्चा चल रही है; सब कुछ ठीक है। जल्द ही इसका परिणाम आपको देखने को मिलेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे पर मुकेश सहनी ने कहा कि प्रधानमंत्री के दौरे का यही प्लान होता है कि कैसे बिहार की जनता को बेवकूफ बनाया जाए और कैसे उनका वोट लिया जाए। यही योजना इस बार भी है।
उन्होंने आगे कहा कि दो दिन पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी बिहार दौरे पर थे। सहनी ने कहा कि अमित शाह ने एक इंटरव्यू में कहा था कि बिहार में कोई फैक्ट्री नहीं लग सकती, यहां जमीन ही नहीं है। जबकि बिहार देश के टॉप 10 कृषि उत्पादन में है। यह बात अमित शाह को नहीं पता है। हमारे पास जमीन बहुत है, फिर भी वह यह कह रहे हैं कि यहां फैक्ट्री नहीं लग सकती। उनकी नियत में बिहार का विकास नहीं है।