क्या बिहार में एनडीए की सरकार का बनना तय है?
सारांश
Key Takeaways
- बिहार में एनडीए की सरकार बनने की संभावना है।
- नीतीश कुमार को जनता का समर्थन प्राप्त है।
- सत्ता विरोधी लहर का अभाव है।
- 14 तारीख को चुनाव परिणाम घोषित होंगे।
- राजनीतिक स्थिति एनडीए के पक्ष में है।
मुंबई, 8 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना के प्रवक्ता संजय निरुपम ने शनिवार को विश्वास जताया कि बिहार में एक बार फिर से एनडीए की सरकार बनने जा रही है और सीएम की कुर्सी पर नीतीश कुमार विराजमान होंगे। मेरे इस दावे में कोई संदेह नहीं है। राज्य की जनता में नीतीश कुमार को सीएम पद की जिम्मेदारी सौंपने का उत्साह स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में संजय निरुपम ने कहा कि विधानसभा चुनाव में किसे कितनी सीटें मिलेंगी, यह तो नतीजों के बाद ही स्पष्ट होगा। राज्य में कितनी सीटें आएंगी, इस पर मेरी ओर से कोई टिप्पणी करना उचित नहीं है। यदि केंद्रीय मंत्री अमित शाह इस पर कुछ कहें, तो बेहतर होगा, क्योंकि वह राज्य की राजनीतिक स्थिति को भलीभांति समझते हैं।
एक बात स्पष्ट है कि राज्य में एक बार फिर से एनडीए की सरकार बनने जा रही है। इसमें किसी भी प्रकार के शक की गुंजाइश नहीं है।
उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ किसी भी प्रकार की सत्ता विरोधी लहर नहीं दिख रही है। लोगों में नीतीश कुमार को सीएम पद की जिम्मेदारी सौंपने का उत्साह स्पष्ट है। ऐसे में अगर मैं राज्य में एनडीए की जीत का दावा करूं, तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
शिवसेना प्रवक्ता ने कहा कि हमें यहां पर राज्य की राजनीतिक स्थिति को समझना होगा कि जब किसी मुख्यमंत्री के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर नहीं होती है और मतदान में भी इजाफा होता है। ऐसी स्थिति में दुनिया की कोई भी ताकत उसे चुनाव जीतने से रोक नहीं सकती। मौजूदा समय में बिहार में यही स्थिति है। इससे यह स्पष्ट है कि बिहार में एक बार फिर से नीतीश कुमार सीएम की कुर्सी पर विराजमान होंगे। राज्य में एनडीए की सरकार का बनना निश्चित है।
राजनीतिक स्थिति पूरी तरह से एनडीए के पक्ष में है। अभी तक राज्य की राजनीतिक स्थिति पूरी तरह स्पष्ट नहीं है, क्योंकि दूसरे चरण का चुनाव बाकी है। दूसरे चरण के बाद स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो जाएगी। 14 तारीख के बाद जब नतीजे घोषित होंगे, तो सभी लोग अपने लिए नए-नए ठिकाने खोजेंगे।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार के पुत्र पार्थ पवार के लैंड डील मामले पर संजय निरुपम ने कहा कि इस मामले में सरकार ने जांच का आदेश दे दिया है। अब तक किसी प्रकार की डील नहीं हुई है। हां, कुछ ताकतें थीं, जो इस महंगी जमीन को सस्ते में देने में अनियमितता कर रही थीं। इन सभी सवालों के जवाब के लिए प्रशासनिक जांच के आदेश दिए गए हैं। इसमें एक सीनियर स्तर के आईएएस अधिकारी भी शामिल हैं। अब जांच के बाद यह स्पष्ट होगा कि आखिर कौन गलत करना चाह रहा था और इसमें कौन सी ताकतें शामिल थीं। इसके साथ ही जो भी स्थानीय ताकत थी, उनका तबादला कर दिया गया है। इस प्रकार महाराष्ट्र सरकार ने एक नए घोटाले को होने से रोक दिया है। इसके लिए इन्हें श्रेय दिया जाना चाहिए।