क्या बिहार में प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया?
सारांश
Key Takeaways
- भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई
- रिश्वत के मामले में गिरफ्तारियां
- सरकारी अधिकारियों के खिलाफ सख्त नीति
- निबंधन प्रक्रिया में पारदर्शिता
- बिहार सरकार का जीरो टॉलरेंस नीति
पटना, 17 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की एक टीम ने बुधवार को पटना के दुल्हिन बाजार प्रखंड में पदस्थापित प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी अभिषेक अकेला को 10 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की मुख्यालय टीम ने राशन के एवज में रिश्वत की मांग की शिकायत के मामले में पालीगंज अनुमंडल कार्यालय परिसर से दुल्हिन बाजार के प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी अभिषेक अकेला को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।
शिकायतकर्ता उमेश सिंह के पुत्र रंजीत कुमार ने पटना के निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई थी कि प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी अभिषेक अकेला द्वारा प्रत्येक क्विंटल राशन पर 35 रुपए प्रति माह एवं दुकान की जांच करने के नाम पर रिश्वत की मांग की जा रही है।
ब्यूरो द्वारा इस मामले का सत्यापन किया गया और रिश्वत मांगे जाने का प्रमाण पाया गया। प्रथम दृष्टया आरोप सही पाए जाने के बाद निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा पुलिस उपाधीक्षक नरेंद्र कुमार के नेतृत्व में एक धावादल का गठन किया गया।
धावादल ने कार्रवाई करते हुए बुधवार को शिकायतकर्ता से आरोपी अभिषेक अकेला को 10 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए अनुमंडल कार्यालय परिसर पालीगंज से गिरफ्तार किया।
आरोपी को पूछताछ के बाद निगरानी के विशेष न्यायालय में पेश किया जाएगा।
बिहार सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत लगातार कार्रवाई कर रही है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने वर्ष 2025 में भ्रष्टाचार के विरुद्ध 110वीं प्राथमिकी दर्ज की है, जिसमें ट्रैप संबंधी 90वां मामला है। अब तक कुल 100 आरोपियों को रंगेहाथ गिरफ्तार किया जा चुका है और इस साल रिश्वत की कुल बरामद राशि 35 लाख रुपए से अधिक है।