क्या बिहार में जिला प्रशासन ने सासाराम में 'ईवीएम से भरे ट्रक' को लेकर राजद के आरोपों का खंडन किया?
सारांश
Key Takeaways
- रोहतास जिला प्रशासन ने राजद के आरोपों का खंडन किया।
- ईवीएम से भरे ट्रक का मामला निराधार पाया गया।
- राजद ने चुनाव आयोग से स्पष्टीकरण की मांग की।
- भाजपा ने राजद की मांगों को झूठा बताया।
- सत्यता की खोज में प्रशासन और राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी है।
नई दिल्ली/पटना, 13 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। रोहतास जिला प्रशासन ने सासाराम में एक मतगणना केंद्र से संबंधित राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के आरोपों को खंडन किया है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि ईवीएम से भरा ट्रक मतगणना केंद्र में भेजने के आरोप गलत हैं।
राजद ने पूछा कि एक ईवीएम से भरा ट्रक सासाराम के मतगणना केंद्र में बिना किसी पूर्व सूचना के क्यों भेजा गया? ट्रक चालकों को क्यों भगा दिया गया और यहां सीसीटीवी का फीड 2 बजे से क्यों बंद रहा?
राजद ने मांग की कि प्रशासन ट्रक के फुटेज जारी करे और बताये कि उसमें क्या था। पार्टी ने चुनाव आयोग को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि तुरंत स्पष्टीकरण नहीं आता तो हजारों लोग मतदान केंद्र पर पहुंचेंगे ताकि 'वोट चोरी' को रोका जा सके।
राजद के आरोपों का उत्तर देते हुए रोहतास जिला प्रशासन ने कहा, "इस घटना की जानकारी मिलते ही, सासाराम के मतगणना केंद्र के प्रवेश द्वार पर ट्रक की जांच की गई। यह जांच वहां उपस्थित उम्मीदवारों और उनके समर्थकों के सामने की गई। जांच की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई। सभी स्टील के हॉक्स पूरी तरह खाली पाए गए और उनमें कोई ईवीएम नहीं थी। 'ईवीएम से भरा ट्रक' की बात असत्य है।"
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी राजद पर कटाक्ष किया। पार्टी ने लिखा, "राहुल गांधी की झूठी बयानबाजी से पूरा विपक्ष बौरा गया है। 12 नवंबर की रात बिहार में ऐसी ही एक घटना देखने को मिली। राजद के उम्मीदवारों और कार्यकर्ताओं ने कथित 'डुप्लिकेट ईवीएम' से लदे ट्रकों के मतगणना केंद्र में प्रवेश का विरोध किया।"
भाजपा ने आगे कहा, "राजद समर्थकों ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग की टीम ईवीएम बदलने आई है। लेकिन जब सुरक्षाकर्मियों ने पेटियों को खोला, तो वे खाली थीं।"