क्या बिहार एसआईआर में चुनाव आयोग ने बड़ी सफलता हासिल की?

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क्या बिहार एसआईआर में चुनाव आयोग ने बड़ी सफलता हासिल की?

सारांश

बिहार में विशेष मतदाता पुनरीक्षण (एसआईआर) के पहले चरण में चुनाव आयोग को 91.69 प्रतिशत मतदाताओं द्वारा फॉर्म जमा करने की बड़ी सफलता मिली है। जानें इस उपलब्धि के पीछे की कहानी और राजनीतिक दलों की भूमिका।

Key Takeaways

  • 91.69 प्रतिशत मतदाताओं ने फॉर्म जमा किए हैं।
  • विशेष मतदाता पुनरीक्षण (एसआईआर) की पहली सफलता
  • राजनीतिक दलों की महत्वपूर्ण भागीदारी
  • 1 अगस्त 2025 को ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल प्रकाशित होगा।
  • भविष्य में दावे और आपत्तियों की संभावनाएं

नई दिल्ली, 27 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले आयोजित विशेष मतदाता पुनरीक्षण (एसआईआर) के पहले चरण में चुनाव आयोग को महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त हुई है। 7.89 करोड़ मतदाताओं में से 7.24 करोड़ (91.69 प्रतिशत) ने अपने गणना फॉर्म जमा कर दिए हैं। इस उपलब्धि की जानकारी चुनाव आयोग ने दी।

भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने शुक्रवार को बिहार के विशेष मतदाता पुनरीक्षण (एसआईआर) के बारे में जानकारी साझा करते हुए बताया कि पहले चरण में शानदार सफलता मिली है। इस दौरान मृत घोषित 22 लाख (2.83 प्रतिशत) मतदाता हैं। इसके अतिरिक्त, स्थायी रूप से स्थानांतरित/नहीं मिले 36 लाख (4.59 प्रतिशत) और एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत 7 लाख (0.89 प्रतिशत) मतदाता हैं।

ईसीआई के अनुसार, जो लोग अन्य राज्यों में मतदाता बन गए हैं या अस्तित्व में नहीं पाए गए हैं, उनकी सटीक स्थिति 1 अगस्त 2025 तक इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ईआरओ) द्वारा फॉर्मों की जांच के बाद स्पष्ट होगी।

इस पहले चरण में राजनीतिक दलों की भागीदारी भी उल्लेखनीय रही है। चुनाव आयोग के अनुसार, विपक्ष ने सबसे अधिक बूथ लेवल एजेंट्स (बीएलए) बनाए हैं।

आंकड़ों के मुताबिक, कांग्रेस के बीएलए में 105 प्रतिशत, सीपीएम में 1,083 प्रतिशत और सीपीआई (माले) में 542 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

चुनाव आयोग ने पहले चरण की सफलता का श्रेय अधिकारियों को दिया है। ईसीआई ने कहा कि बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी, 38 जिलों के डीईओ, 243 ईआरओ सहित अन्य को इस सफलता का श्रेय जाता है।

चुनाव आयोग ने 20 जुलाई 2025 तक सभी राजनीतिक दलों को उन मतदाताओं की बूथ-स्तरीय सूची उपलब्ध करा दी है, जिन्हें मृत घोषित किया गया या जिनके फॉर्म में त्रुटियां थीं।

चुनाव आयोग 1 अगस्त 2025 को ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल प्रकाशित करेगा। इसके बाद 1 अगस्त से 1 सितंबर तक राजनीतिक दल और मतदाता अपनी आपत्तियां दर्ज करा सकेंगे।

Point of View

यह देखना सुखद है कि बिहार में चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शिता और दक्षता के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है। यह चुनावी लोकतंत्र की मजबूती को दर्शाता है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

एसआईआर क्या है?
विशेष मतदाता पुनरीक्षण (एसआईआर) एक प्रक्रिया है जिसके माध्यम से चुनाव आयोग मतदाता सूची को अद्यतन करता है।
चुनाव आयोग की सफलता का क्या कारण है?
चुनाव आयोग की सफलता का कारण अधिकतर राजनीतिक दलों की सक्रिय भागीदारी और अधिकारियों की मेहनत है।
मतदाता सूची में क्या बदलाव होंगे?
1 अगस्त 2025 को ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल प्रकाशित होगा, जिसमें आवश्यक संशोधन किए जाएंगे।