क्या महागठबंधन तकरार समाप्त कर पाएगा? अशोक गहलोत और अल्लावरु की लालू-तेजस्वी से मुलाकात

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क्या महागठबंधन तकरार समाप्त कर पाएगा? अशोक गहलोत और अल्लावरु की लालू-तेजस्वी से मुलाकात

सारांश

बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के सहयोगी दलों की सक्रियता बढ़ रही है। अशोक गहलोत और कृष्णा अल्लावरु ने लालू यादव और तेजस्वी यादव से चर्चा की। जानें आगे की रणनीतियों और सीट बंटवारे की स्थिति के बारे में।

Key Takeaways

  • महागठबंधन के दल एकजुट हो रहे हैं।
  • लालू यादव और तेजस्वी यादव की मुलाकात महत्वपूर्ण है।
  • बिहार में 243 विधानसभा सीटें हैं।
  • महागठबंधन में कई दल शामिल हैं।
  • सेट बंटवारे के विवाद का समाधान जल्द होना चाहिए।

पटना, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव का प्रचार अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस बीच, सीट बंटवारे को लेकर उत्पन्न विवाद को समाप्त करने के लिए बुधवार को महागठबंधन के सहयोगी दलों की सक्रियता में काफी वृद्धि देखी जा रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत और बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने राजद के प्रमुख लालू यादव और तेजस्वी यादव के साथ बैठक की और आगे की रणनीतियों पर चर्चा की।

लालू यादव और तेजस्वी यादव से चर्चा के बाद, कृष्णा अल्लावरु ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हमने आगे की योजनाओं और सरकार बनने के बाद राज्य के लोगों के लिए कार्य करने के तरीकों पर विचार किया। उन्होंने कहा कि इस विषय पर सभी जानकारी गुरुवार को साझा की जाएगी। एनडीए द्वारा महागठबंधन को निशाना बनाने के संदर्भ में उन्होंने कहा कि एनडीए को यह बताना चाहिए कि उन्होंने पिछले पांच वर्षों में क्या किया है। उन्होंने कहा कि एनडीए को यह स्पष्ट करना चाहिए कि चुनाव में मुद्दा क्या है। उन्होंने जोड़ा कि हमारा गठबंधन पूरी तरह से एकजुट है और जल्द ही सभी भ्रम समाप्त होंगे।

इस बीच, कांग्रेस के पर्यवेक्षक अशोक गहलोत ने कहा कि महागठबंधन एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतर रहा है। जिस विवाद को खड़ा किया गया है, वह वास्तविकता में कोई महत्व नहीं रखता। उन्होंने आगे कहा कि गुरुवार को एक प्रेस वार्ता आयोजित की जाएगी जिसमें सभी बातें स्पष्ट की जाएंगी। उन्होंने यह भी बताया कि बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटें हैं। इतने बड़े गठबंधन में पाँच-दस सीटों पर विवाद होना कोई नई बात नहीं है। किसी भी राज्य में गठबंधन के दौरान ऐसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन में सीट बंटवारे की स्थिति अब तक स्पष्ट नहीं हुई है। बिहार में कई ऐसी सीटें हैं, जहां महागठबंधन में शामिल दो दलों ने अपने-अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। इस स्थिति में कार्यकर्ता भी असमंजस में हैं। इस बीच महागठबंधन में शामिल दलों द्वारा उम्मीदवारों की सूची भी जारी की जा रही है और उम्मीदवारों ने नामांकन का पर्चा भी दाखिल कर दिया है।

जानकारी के अनुसार, बिहार में 243 विधानसभा सीटें हैं, लेकिन महागठबंधन के घटक दलों द्वारा 256 प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारे गए हैं। राजद ने 143 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए हैं, जबकि कांग्रेस ने 61 उम्मीदवार घोषित किए हैं। विकासशील इंसान पार्टी ने 15 उम्मीदवारों की सूची जारी की है। वामपंथी दलों ने भी कई क्षेत्रों में अपने प्रत्याशी उतारे हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि बिहार के चुनावों में महागठबंधन की एकता महत्वपूर्ण है। राजद, कांग्रेस और अन्य दलों के बीच में जो भी विवाद हैं, उन्हें चुनाव से पहले सुलझा लेना चाहिए। यह चुनावी रणनीति में एक प्रमुख भूमिका निभाएगा।
NationPress
22/10/2025

Frequently Asked Questions

महागठबंधन का मुख्य उद्देश्य क्या है?
महागठबंधन का मुख्य उद्देश्य बिहार में सत्ता में आना और राज्य के विकास के लिए कार्य करना है।
बिहार में कितनी विधानसभा सीटें हैं?
बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटें हैं।
महागठबंधन में कौन-कौन से दल शामिल हैं?
महागठबंधन में राजद, कांग्रेस, विकासशील इंसान पार्टी और वामपंथी दल शामिल हैं।
क्या महागठबंधन में सीट बंटवारे पर विवाद है?
हां, महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर कुछ विवाद उत्पन्न हुए हैं।
कब होगी महागठबंधन की अगली प्रेस वार्ता?
महागठबंधन की अगली प्रेस वार्ता गुरुवार को होगी।