क्या कफ सिरप कांड के बाद सरकार एक्शन मोड में आई है?

सारांश
Key Takeaways
- कफ सिरप कांड के बाद राज्य सरकार का एक्शन मोड में आना।
- हर जिले में दवा जांच प्रयोगशाला की स्थापना।
- 211 करोड़ रुपए का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया।
- नकली दवाओं पर रोक लगाने का प्रयास।
- स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
रीवा, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश में हुए कफ सिरप कांड के बाद राज्य सरकार अब पूरी तरह से एक्शन मोड में आ गई है। दवा की गुणवत्ता और सुरक्षा को लेकर अब राज्य में सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने बुधवार को कहा कि सरकार ने हर जिले में दवा जांच प्रयोगशाला (ड्रग टेस्टिंग लैब) स्थापित करने का निर्णय लिया है और इसके लिए 211 करोड़ रुपए का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है।
राजेंद्र शुक्ला ने जानकारी दी कि वर्तमान में मध्य प्रदेश में भोपाल, जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर में चार दवा परीक्षण प्रयोगशालाएं कार्यरत हैं। अब इन चारों लैब्स को आधुनिक मशीनों से अपग्रेड किया जाएगा, ताकि रिपोर्ट तेजी से और अधिक सटीकता के साथ मिल सके। उन्होंने कहा, "कफ सिरप कांड के बाद हमने यह सुनिश्चित किया है कि अब हर जिले में दवाओं की जांच की जाएगी। दवा की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा।"
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने प्रस्ताव तैयार कर केंद्र को भेज दिया है और उम्मीद जताई है कि जल्द ही इसे मंजूरी मिल जाएगी। मंजूरी मिलने के बाद इस योजना पर तुरंत कार्य शुरू किया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हर जिले में एक ड्रग इंस्पेक्टर की नियुक्ति की जाएगी, जो दवाओं की गुणवत्ता, उत्पादन और बिक्री की नियमित जांच करेगा। इसके साथ ही हर जिले में ड्रग इंस्पेक्टर का कार्यालय भी खोला जाएगा।
इस प्रयास से अब कोई भी घटिया या मिलावटी दवा बाजार में नहीं पहुंचेगी। हर जिले में जांच की जाएगी ताकि लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जा सके।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग और औषधि प्रशासन विभाग इस योजना को मिलकर लागू करेंगे। सभी लैब्स में आधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे जो कम समय में सटीक रिपोर्ट दे सकें।
इस योजना से न केवल दवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
कफ सिरप कांड के बाद मध्य प्रदेश सरकार का यह निर्णय स्वास्थ्य सुरक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। यह व्यवस्था लागू होने के बाद, राज्य में नकली और घटिया दवाओं पर रोक लगाना और भी सरल हो जाएगा।