क्या रुपौली विधानसभा क्षेत्र कोसी की गोद में बाढ़, पलायन और बदलते चुनावी समीकरणों की कहानी बयां करता है?

सारांश
Key Takeaways
- रुपौली विधानसभा क्षेत्र की राजनीतिक स्थिति महत्वपूर्ण है।
- यहाँ की मुख्य फसलें धान, मक्का और गेहूं हैं।
- बाढ़ और पलायन समस्याएँ यहाँ की सामाजिक स्थिति को प्रभावित करती हैं।
- बीमा भारती और शंकर सिंह जैसे नेता यहाँ की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- रुपौली की जनसंख्या में पुरुषों की संख्या 2,74,334 है।
पटना, 9 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के पूर्णिया जिले का रुपौली विधानसभा क्षेत्र कोसी क्षेत्र की राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह पूर्णिया लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है और इसमें रुपौली व भवनिपुर प्रखंडों के साथ-साथ बरहरा कोठी ब्लॉक के आठ ग्राम पंचायत शामिल हैं।
भौगोलिक दृष्टि से यह क्षेत्र उपजाऊ भूमि के लिए जाना जाता है, लेकिन कोसी नदी के निकटता के कारण इसे बार-बार आने वाली बाढ़ और पलायन की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यहाँ धान, मक्का और गेहूं प्रमुख फसलें हैं, जबकि केला और जूट की खेती भी कुछ क्षेत्रों में की जाती है। औद्योगिक आधारभूत संरचना कमजोर होने के कारण बड़ी संख्या में लोग रोज़गार के लिए बाहर पलायन करते हैं।
रुपौली, जिला मुख्यालय पूर्णिया से लगभग 40 किमी दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। पटना से इसकी दूरी लगभग 300 किमी है। बनमनखी जंक्शन इसका नजदीकी रेलवे स्टेशन है, जो इसे बिहार के अन्य हिस्सों से जोड़ता है।
1951 में स्थापित इस विधानसभा सीट पर अब तक 17 चुनाव हो चुके हैं। यह सीट कभी आरक्षित नहीं रही और यहाँ विभिन्न राजनीतिक दलों ने बारी-बारी से सत्ता पाई है। कांग्रेस ने 6 बार, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने 2 बार, जनता दल (यूनाइटेड) ने 3 बार, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने 1 बार जीत दर्ज की है। लोजपा और समाजवादी पार्टी को भी यहाँ एक-एक बार सफलता मिली है, जबकि निर्दलीय उम्मीदवार 3 बार विजयी रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी का यहाँ अभी खाता नहीं खुला है।
हाल के दो दशकों में रुपौली की राजनीति मुख्यतः दो नामों के इर्द-गिर्द घूमती रही है- बीमा भारती और शंकर सिंह। बीमा भारती 2000 से अब तक पांच बार विधायक रह चुकी हैं: एक बार निर्दलीय, एक बार राजद से, और तीन बार जदयू से। दूसरी ओर, शंकर सिंह ने राजनीति की शुरुआत लोजपा से की और बाद में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल करके अपनी पहचान बनाई।
2020 में जदयू की बीमा भारती ने लोजपा के शंकर सिंह को हराया था। लेकिन 2024 में समीकरण बदल गए। बीमा भारती ने लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए विधानसभा से इस्तीफा दिया और राजद के टिकट पर मैदान में उतरीं, लेकिन हार गईं। उनके इस्तीफे के बाद हुए उपचुनाव में शंकर सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जदयू के कलाधर प्रसाद मंडल को हरा दिया, जबकि बीमा भारती तीसरे स्थान पर रहीं।
2024 के चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, रुपौली की अनुमानित जनसंख्या 5,36,034 है, जिसमें 2,74,334 पुरुष और 2,61,700 महिलाएं शामिल हैं। कुल 3,12,605 मतदाताओं में 1,61,415 पुरुष, 1,51,174 महिलाएं और 16 थर्ड जेंडर मतदाता हैं।