क्या बिहार विधानसभा चुनाव में प्रदर्शन के आधार पर होनी चाहिए सीट शेयरिंग? : शांभवी चौधरी

सारांश
Key Takeaways
- सीट बंटवारे का आधार प्रदर्शन होना चाहिए।
- राजनीतिक गठबंधन में सम्मान का ध्यान रखना ज़रूरी है।
- बिना स्पष्ट नेतृत्व के गठबंधन की कमजोरी हो सकती है।
- राष्ट्रहित में सही निर्णय लेने की जरूरत है।
- बिहार में जंगलराज की वापसी को रोकना आवश्यक है।
पटना, 10 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं और एनडीए गठबंधन में सीट बंटवारे की चर्चाएँ काफी सक्रिय हो गई हैं। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की सांसद शांभवी चौधरी ने इस मुद्दे पर अपनी सोच साझा की है। उन्होंने लोकसभा चुनाव में अपने शानदार प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारा प्रदर्शन के आधार पर होना चाहिए।
पटना में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, "हम लोकसभा चुनाव में 100 प्रतिशत स्ट्राइक रेट के साथ आए थे। सीट शेयरिंग अच्छी थी, सब कुछ सकारात्मक रहा और हमने बेहतरीन प्रदर्शन किया। मुझे उम्मीद है कि विधानसभा चुनाव में भी हम अच्छी सीट शेयरिंग करेंगे और मजबूती से चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे।"
उन्होंने यह भी कहा कि विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग का आधार प्रदर्शन होना चाहिए और इसमें सम्मान का भी ध्यान रखा जाना आवश्यक है।
उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन की जीत पर शांभवी ने कहा कि यह जीत राष्ट्रवादी विचारधारा की सफलता को दर्शाती है। उन्होंने इसे राष्ट्रहित में एक उचित निर्णय बताया और सीपी राधाकृष्णन को एक प्रभावशाली व्यक्तित्व के रूप में सराहा।
इंडी अलायंस के मुख्यमंत्री उम्मीदवार के बारे में शांभवी चौधरी ने कहा कि उन्हें गठबंधन के आंतरिक संवाद की जानकारी नहीं है, लेकिन अगर इंडी गठबंधन बिना सीएम उम्मीदवार के आगे बढ़ता है, तो यह उनकी हार होगी।
उन्होंने यह सवाल उठाया कि बिना स्पष्ट नेतृत्व के गठबंधन किस आधार पर सरकार बनाने के लिए समर्थन मांग रहा है और किसके नेतृत्व में कार्य करेगा।
शांभवी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व पर सवाल उठाने वालों पर निशाना साधते हुए कहा कि गठबंधन का नेतृत्व अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं कर पा रहा है। उन्होंने राजद और कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वे बिहार को जंगलराज में धकेलने का काम कर रहे हैं, खासकर राजद पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी वजह से बिहार में बदहाली आई है।
कांग्रेस पर भी उन्होंने नकारात्मक टिप्पणी की, यह कहते हुए कि यह उन लोगों को बिहार लाती है जो यहां के लोगों का अपमान करते हैं, और इसके पीछे राजद का हाथ है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस की राष्ट्रीय और बिहार की कार्यकारिणी में बड़ा अंतर है, जो गठबंधन की कमजोरी को दर्शाता है।