क्या बीजापुर एनकाउंटर में 18 माओवादी मारे गए हैं?

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क्या बीजापुर एनकाउंटर में 18 माओवादी मारे गए हैं?

सारांश

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सुरक्षा बलों ने एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन के दौरान 18 माओवादियों को ढेर कर दिया। इस मुठभेड़ में तीन सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए। यह घटना नक्सलवाद से लड़ाई में एक बड़ी जीत मानी जा रही है। जानें इस मुठभेड़ की पूरी कहानी और इसके पीछे का सच।

Key Takeaways

  • 18 माओवादी मारे गए हैं।
  • तीन सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं।
  • यह मुठभेड़ नक्सल विरोधी अभियान का हिस्सा थी।
  • सुरक्षा बलों ने प्रभावी तरीके से जवाबी कार्रवाई की।
  • मृतकों की पहचान की जा रही है।

बीजापुर, 4 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के बस्‍तर क्षेत्र में माओवादी उग्रवाद को इस वर्ष का सबसे बड़ा झटका देते हुए सुरक्षा बलों ने बीजापुर जिले के घने केशकुतुल जंगलों में एक भीषण मुठभेड़ में 18 नक्‍सलियों को मार गिराया। गुरुवार सुबह मुठभेड़ स्थल से छह और शव बरामद होने के बाद मृतकों की संख्‍या प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार 12 से बढ़कर 18 हो गई।

यह मुठभेड़ बुधवार को तब शुरू हुई जब जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ), सीआरपीएफ के कोबरा कमांडो और स्थानीय पुलिस की एक संयुक्त टीम ने विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर गंगालूर पुलिस स्टेशन के क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान शुरू किया।

पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) कंपनी नंबर 2, भैरमगढ़ एरिया कमेटी और गंगालूर एरिया कमेटी के नक्सलियों ने आगे बढ़ रहे सैनिकों पर फायरिंग की, जिसके बाद कई घंटों तक भीषण मुठभेड़ चली।

सुरक्षा बलों ने संख्या में कम होने, ऑटोमैटिक हथियारों और आईईडी के खतरों का सामना करने के बावजूद प्रभावी तरीके से जवाबी कार्रवाई की और मौके पर ही 18 माओवादी मारे गए।

सभी शवों के साथ हथियारों और विस्फोटकों का एक बड़ा जखीरा बरामद किया गया है।

मृत नक्सलियों की पहचान की जा रही है। बीजापुर के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र सिंह मीणा ने कहा कि प्रक्रिया पूरी होने के बाद नाम और रैंक का खुलासा किया जाएगा। भागे हुए किसी भी कैडर का पता लगाने के लिए आसपास के जंगलों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।

दुख की बात है कि तीन बहादुर जवानों ने ड्यूटी के दौरान अपनी जान दे दी। हेड कांस्टेबल मोनू मोहन बद्दी, कांस्टेबल दुकारू गोंडे, और जिला रिजर्व गार्ड के जवान रमेश सोडी ने हिम्मत दिखाते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। गुरुवार को उनके पार्थिव शरीर बीजापुर मुख्यालय लाए गए। यहां बीजापुर-गंगालूर रोड पर पुलिस लाइन शहीद वाटिका में उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई।

इस दौरान वरिष्ठ अधिकारियों, जवानों और स्थानीय नागरिकों ने शहीदों के सम्मान में पुष्पांजलि अर्पित की और दो मिनट का मौन रखा।

यह सफल ऑपरेशन छत्तीसगढ़ पुलिस और केंद्रीय बलों के लिए इस क्षेत्र में वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ उनके लगातार अभियान में एक बड़ी उपलब्धि है।

Point of View

बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है। यह दर्शाता है कि सुरक्षा बलों का साहस और समर्पण किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है। हमें चाहिए कि हम शहीदों के बलिदान को याद रखें और उनके परिवारों का समर्थन करें।
NationPress
10/12/2025

Frequently Asked Questions

बीजापुर में मुठभेड़ कब हुई?
बीजापुर में मुठभेड़ 4 दिसंबर को हुई।
इस मुठभेड़ में कितने माओवादी मारे गए?
इस मुठभेड़ में 18 माओवादी मारे गए।
कितने सुरक्षाकर्मी शहीद हुए?
इस मुठभेड़ में तीन सुरक्षाकर्मी शहीद हुए।
मुठभेड़ का कारण क्या था?
यह मुठभेड़ नक्सल विरोधी अभियान का हिस्सा थी।
क्या माओवादियों के शवों के साथ कुछ बरामद हुआ?
जी हां, शवों के साथ हथियारों और विस्फोटकों का एक बड़ा जखीरा बरामद किया गया।
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