क्या बीजापुर में नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम हो गई? सीआरपीएफ ने हथियार और विस्फोटक बरामद किए
सारांश
Key Takeaways
- बीजापुर में नक्सलियों की साजिश नाकाम हुई।
- सीआरपीएफ ने गुप्त डंप से हथियार बरामद किए।
- सुरक्षाबलों की सजगता से नक्सली बैकफुट पर हैं।
- कमांडेंट ने जवानों की सराहना की।
- यह कार्रवाई जिले में सुरक्षा को मजबूत करती है।
बीजापुर, 13 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर में सुरक्षाबलों ने शनिवार को एक बड़ी नक्सली साजिश को सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया है। गंगालूर थाना क्षेत्र के ग्राम हिरोली के मर्रेपारा इलाके में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 85वीं बटालियन ने नक्सलियों द्वारा छुपाकर रखे गए हथियारों और विस्फोटक सामग्री के एक गुप्त डंप को खोज निकाला है। इस कार्रवाई से जिले में किसी बड़ी नक्सली वारदात को अंजाम देने की योजना पर पानी फेर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार, हिरोली कैंप से दक्षिण-पूर्व दिशा में लगभग 2.5 किलोमीटर दूर घने जंगल में नक्सलियों की गतिविधियों की सूचना मिलने पर शनिवार तड़के करीब 4 बजे एक सर्च ऑपरेशन आरंभ किया गया। यह अभियान सीआरपीएफ की एफ/85 बटालियन के सहायक कमांडेंट काशीराव श्रीराम के नेतृत्व में चला, जिसमें लगभग 45 जवान शामिल थे।
जवानों ने जंगल के बीच क्षेत्र को घेरकर सघन तलाशी अभियान चलाया। तलाशी के दौरान सुबह करीब 6:50 बजे सुरक्षाबलों को नक्सलियों का एक गुप्त डंप मिला, जिसे जमीन के नीचे छुपाया गया था। इस डंप से हथियार, जिंदा कारतूस, विस्फोटक सामग्री, वायरलेस सेट, नक्सलियों के हस्तलिखित पत्र और अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुएं बरामद हुई हैं। बरामद सामान से यह स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि नक्सली किसी बड़ी हिंसक घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे थे।
अधिकारियों के अनुसार, हाल के कुछ समय से सुरक्षाबलों की लगातार कार्रवाई और बढ़ते दबाव के कारण नक्सली बुरी तरह बैकफुट पर हैं। इसी दबाव के बीच वे इस क्षेत्र में किसी बड़ी वारदात की योजना बना रहे थे, लेकिन सीआरपीएफ की सजगता और समय पर की गई कार्रवाई से उनकी साजिश नाकाम हो गई।
इस सफल अभियान के बाद कमांडेंट सुनील कुमार राही ने ऑपरेशन में शामिल सभी जवानों की सराहना की और उनके साहस, अनुशासन और पेशेवर कार्यशैली की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जवानों की मुस्तैदी और समर्पण से ही नक्सल विरोधी अभियानों में लगातार सफलता मिल रही है।