क्या बिक्रम सिंह मजीठिया के आवास पर छापेमारी बदले की कार्रवाई है?

सारांश
Key Takeaways
- बिक्रम सिंह मजीठिया के आवास पर हुई छापेमारी को बदले की कार्रवाई माना जा रहा है।
- पूर्व शिक्षा मंत्री दलजीत सिंह चीमा ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
- सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते यह छापेमारी संदिग्ध मानी जा रही है।
चंडीगढ़, २५ जून (राष्ट्र प्रेस)। विजिलेंस टीम ने अमृतसर में शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के निवास पर छापेमारी की है। इसे पंजाब के पूर्व शिक्षा मंत्री दलजीत सिंह चीमा ने बदला लेने की कार्रवाई बताया है।
दलजीत सिंह चीमा ने बुधवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा कि सरकार ने बिक्रम सिंह मजीठिया को पहले से ही ड्रग्स के मामले में फंसाने की कोशिश की थी, लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं मिल सके। उन्होंने कहा कि एसआईटी ने उन्हें कई बार बुलाया, परंतु कुछ भी साबित नहीं कर पाई। अब जब सरकार खुद भ्रष्टाचार के संकट में फंसी है, तो यह नया नाटक सिर्फ ध्यान भटकाने के लिए है।
आपातकाल के ५० साल पूरे होने पर दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि जो नीति पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने अपनाई थी, वही आज की प्रदेश सरकार भी अपना रही है। उन्होंने कहा कि विधायक के घर में जबरदस्ती घुसकर सामानों की तलाशी लेना हमें आपातकाल की याद दिलाता है।
विजिलेंस टीम ने बिक्रम सिंह मजीठिया के अमृतसर स्थित आवास पर छापेमारी के बाद उन्हें हिरासत में लिया है।
बिक्रम मजीठिया के सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर एक वीडियो भी साझा किया गया है, जिसमें विजिलेंस के अधिकारी उन्हें अपने साथ ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। वे वीडियो में कहते नजर आ रहे हैं कि 'देखिए कितने अधिकारी मुझे ले जाने आए हैं। मुझे नहीं पता कि मेरे घर में कुछ रखा गया था या नहीं, लेकिन उनकी बेचैनी देखिए। कुछ लोगों को एक कमरे में बंद कर दिया गया और फिर पुलिस मुझे यहां ले आई।'
मजीठिया ने अपने एक्स अकाउंट पर एक और वीडियो शेयर किया है, जिसमें उनके समर्थक नारेबाजी करते हुए दिख रहे हैं। इसके अलावा, वह इस वीडियो में अपने बच्चों को गले लगाते हुए भी नजर आ रहे हैं। उन्होंने इस वीडियो के कैप्शन में लिखा, 'मैं गुरु साहिब का बेटा हूं।'