क्या बीजद ने शिक्षा मंत्री और नुआपाड़ा के भाजपा उम्मीदवार पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगाया?

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क्या बीजद ने शिक्षा मंत्री और नुआपाड़ा के भाजपा उम्मीदवार पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगाया?

सारांश

ओडिशा में बीजद ने शिक्षा मंत्री और भाजपा उम्मीदवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। क्या ये आरोप सही हैं? जानें पूरी कहानी और इसके पीछे की सच्चाई।

Key Takeaways

  • बीजद ने शिक्षा मंत्री पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
  • आचार संहिता का उल्लंघन राजनीतिक प्रक्रियाओं में समस्या उत्पन्न कर सकता है।
  • विद्यार्थियों को सुरक्षित और निष्पक्ष शिक्षा मिलनी चाहिए।

भुवनेश्वर, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बीजू जनता दल (बीजद) ने ओडिशा के शिक्षा मंत्री नित्यानंद गोंड, नुआपाड़ा के भाजपा उम्मीदवार जय ढोलकिया और जिले के एक शैक्षणिक संस्थान के अधिकारियों के खिलाफ मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के समक्ष शिकायत दर्ज कराई है। बीजद ने इन पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है।

पार्टी ने मामले की जांच करने और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।

वरिष्ठ बीजद नेता लेनिन मोहंती ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा, "बीजू जनता दल की टीम ने ओडिशा के सीईओ से मुलाकात कर शिक्षा मंत्री नित्यानंद गोंड के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।"

उन्होंने कहा कि मैंने नुआपाड़ा में एक स्थान का दौरा किया। मुझे बताया गया कि गोंड समाज से कुछ ऐसे वादे किए जो नित्यानंद गोंड को नहीं करने चाहिए थे। इसके अलावा चुनाव प्रचार के लिए शैक्षणिक संस्थान का उपयोग किया गया।

चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, चुनाव की घोषणा के बाद किसी भी शैक्षणिक संस्थान का उपयोग राजनीतिक उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाना चाहिए।"

लेनिन मोहंती ने कहा, "चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, एक बार चुनाव प्रक्रिया प्रारंभ हो जाने के बाद किसी भी शैक्षणिक संस्थान का उपयोग राजनीतिक या चुनावी उद्देश्यों के लिए नहीं किया जा सकता है, लेकिन आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद भी मंत्री ने इस कार्यक्रम में भाग लिया और सार्वजनिक रूप से चुनावी वादे किए, जो गंभीर उल्लंघन है।"

उन्होंने मंत्री, भाजपा उम्मीदवार और संबंधित शैक्षणिक संस्थान के अधिकारियों सहित सभी जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ शीघ्र कार्रवाई की अपील की है।

बीजद नेता ने कहा कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए उचित जांच की जाएगी और चुनाव मानदंडों के अनुसार जो भी आवश्यक और उचित कार्रवाई होगी, वह की जाएगी। शिक्षा जैसे संवेदनशील संस्थान को राजनीतिक गतिविधियों से दूर रखा जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि भाजपा जिस तरह से चुनाव में शैक्षणिक संस्थान का उपयोग कर रही है, यह अनुचित है। ये लोग गलत तरीके से चुनाव जीतना चाह रहे हैं, लेकिन जनता सब जानती है। जो जनता के साथ खड़ा रहेगा, जनता उसी को वोट देगी।

Point of View

यह स्पष्ट है कि राजनीति में शिक्षा संस्थानों का उपयोग एक संवेदनशील मुद्दा है। यह जरूरी है कि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहे। शिक्षा को राजनीतिक दांव-पेंच से दूर रखना चाहिए ताकि विद्यार्थियों का भविष्य सुरक्षित रहे।
NationPress
21/10/2025

Frequently Asked Questions

बीजद ने किसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है?
बीजद ने ओडिशा के शिक्षा मंत्री नित्यानंद गोंड, नुआपाड़ा के भाजपा उम्मीदवार जय ढोलकिया और एक शैक्षणिक संस्थान के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
आचार संहिता के उल्लंघन का क्या मतलब है?
आचार संहिता का उल्लंघन का मतलब है चुनाव के दौरान नियमों का पालन न करना, जो कि चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित किए जाते हैं।
चुनाव आयोग की क्या भूमिका है?
चुनाव आयोग चुनावों की प्रक्रिया को निष्पक्ष और स्वतंत्र बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होता है।