भाजपा और चुनाव आयोग के बीच का रिश्ता लोकतंत्र के लिए खतरा है ? - मनोज झा

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भाजपा और चुनाव आयोग के बीच का रिश्ता लोकतंत्र के लिए खतरा है ? - मनोज झा

सारांश

बिहार एसआईआर प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बीच, मनोज झा ने भाजपा और चुनाव आयोग के संबंधों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया है, जिससे राजनीतिक माहौल में हलचल मच गई है।

Key Takeaways

  • भाजपा और चुनाव आयोग के बीच का संबंध लोकतंत्र के लिए खतरा है।
  • एसआईआर प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता है।
  • बिहार की जनता एसआईआर का विरोध कर रही है।

नई दिल्ली, 14 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार एसआईआर प्रक्रिया के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद मनोज झा ने एक बार फिर से भाजपा और चुनाव आयोग पर गंभीर प्रश्न उठाए। उन्होंने कहा कि दोनों के बीच का रिश्ता लोकतंत्र के लिए खतरा बनता जा रहा है।

राजद सांसद ने कहा कि जब एसआईआर के मुद्दे पर सवाल उठाए जाते हैं, तो भाजपा के नेता जवाब देने लगते हैं। भाजपा को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उनके नेता चुनाव आयोग के प्रवक्ता कैसे बन गए हैं?

गुरुवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि भाजपा और चुनाव आयोग के बीच का रिश्ता लोकतंत्र के लिए खतरा है।

उन्होंने आगे कहा कि भाजपा को कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए। यह मामला अभी कोर्ट में चल रहा है और इसमें जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए।

राजद सांसद ने एसआईआर पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि इसमें आधार कार्ड, ईपीआईसी कार्ड और राशन कार्ड को क्यों नहीं शामिल किया गया, जबकि कोर्ट ने इस पर टिप्पणी की थी। यह हैरानी की बात है कि चुनाव आयोग इतना कमजोर हो गया है कि उसने अपनी रक्षा का जिम्मा भाजपा को सौंप दिया है।

उन्होंने कहा कि विपक्ष सवाल चुनाव आयोग से कर रहा है जबकि भाजपा जवाब दे रही है। ऐसा लगता है कि भाजपा आयोग की निष्पक्षता को समाप्त करना चाहती है।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की यात्रा पर राजद सांसद ने कहा कि मुझे लगता है कि जिसने भी भाजपा को बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एसआईआर कराने की सलाह दी, वह भाजपा का दुश्मन है। बिहार की जनता अब एसआईआर का विरोध करने लगी है।

उन्होंने कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है, इसलिए इस पर कोई भी टिप्पणी मेरे नाम से न की जाए। मैंने पहले भी कहा था कि चुनाव आयोग के आदर्श सुकुमार सेन थे, जो हमारे पहले मुख्य चुनाव आयुक्त थे। भाजपा वाले व्हाट्सएप के ज्ञान पर भरोसा करते हैं, शायद उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। व्यक्ति और संस्था दोनों को अनुकरणीय होना चाहिए, बांग्लादेश के चुनाव आयोग जैसी नहीं।

Point of View

यह आवश्यक है कि चुनाव आयोग अपनी स्वतंत्रता बनाए रखे। किसी भी राजनीतिक दल का दबाव लोकतंत्र के लिए हानिकारक हो सकता है। हमें सत्ता के साथ-साथ विपक्ष की भी आवाज सुनने की आवश्यकता है।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

भाजपा और चुनाव आयोग के बीच का रिश्ता क्यों सवालों के घेरे में है?
मनोज झा का कहना है कि भाजपा के नेता चुनाव आयोग के प्रवक्ता बन गए हैं, जिससे आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं।
क्या एसआईआर प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता है?
जी हां, मनोज झा ने कहा है कि एसआईआर में आधार कार्ड और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों को शामिल किया जाना चाहिए।
क्या बिहार की जनता एसआईआर का विरोध कर रही है?
हां, मनोज झा के अनुसार, बिहार की जनता अब एसआईआर के खिलाफ खड़ी होने लगी है।