क्या भाजपा ने ग्रामीण विकास कमेटी की बैठक का बहिष्कार किया? संजय जायसवाल ने उठाए बड़े सवाल

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क्या भाजपा ने ग्रामीण विकास कमेटी की बैठक का बहिष्कार किया? संजय जायसवाल ने उठाए बड़े सवाल

सारांश

संसद में ग्रामीण विकास समिति की बैठक के दौरान भाजपा सांसदों के बहिष्कार ने उठाए कई महत्वपूर्ण सवाल। डॉ. संजय जायसवाल ने एनजीओ की सूची न मिलने और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों का नाम लिया। क्या यह एक अंतरराष्ट्रीय साजिश है?

Key Takeaways

  • भाजपा सांसदों ने ग्रामीण विकास समिति की बैठक का बहिष्कार किया।
  • संजय जायसवाल ने एनजीओ की सूची न मिलने पर सवाल उठाए।
  • बैठक में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों को बुलाए जाने का आरोप।
  • अंतरराष्ट्रीय फंडिंग के संदर्भ में गंभीर चिंताएँ।
  • लोकसभा चुनावों के बाद महागठबंधन का बिखरना संभव।

नई दिल्ली, 1 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मंगलवार को संसद में ग्रामीण विकास से संबंधित स्थायी समिति की बैठक आयोजित की गई, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों ने इस बैठक का बहिष्कार किया। भाजपा सांसद डॉ. संजय जायसवाल ने कहा कि समिति को एनजीओ और अन्य आमंत्रित व्यक्तियों की सूची पहले से नहीं दी गई थी।

सांसद संजय जायसवाल ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से खास बातचीत में कहा, 'आज ग्रामीण विकास समिति की बैठक थी और हमें पूर्व सूचना नहीं दी गई थी कि कौन-कौन से एनजीओ के प्रतिनिधि आ रहे हैं। केवल एक कागज दिया गया, जिसमें पर्यावरण मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, अनुसूचित जनजाति मंत्रालय और एनजीओ को बुलाने की बात कही गई थी। लेकिन, एनजीओ की सूची नहीं दी गई, न ही उनके प्रतिनिधियों के बारे में कोई जानकारी थी।'

जायसवाल ने आरोप लगाया कि इस बैठक में कुछ ऐसे लोगों को बुलाया गया, जिन्होंने अतीत में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में भाग लिया है। जैसे मेधा पाटकर, जो चाहती थीं कि गुजरात में आम जनता को पानी न मिले और लोग प्यासे मर जाएं, ऐसे व्यक्ति को बिना पूर्व सूचना के बैठक में बुलाया गया था। प्रकाश राज कौन सा एनजीओ चलाते हैं, यह किसी को नहीं पता। सिनेमा में अभिनय करना अलग बात है, लेकिन लोकसभा में आकर अपनी बात रखना अलग। जब हमने ऐसे लोगों की सूची देखी, तो हमने फैसला किया कि अगर आप ऐसे लोगों को बुलाना चाहते हैं, तो पहले हमें सूचित करें कि कौन-कौन आ रहे हैं, वे किस एनजीओ से हैं, उनकी क्या उपयोगिता है और वे यहां क्या करने आए हैं।

भाजपा सांसदों के इस बहिष्कार के चलते ग्रामीण विकास कमेटी की बैठक स्थगित कर दी गई।

सांसद संजय जायसवाल ने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के वक्फ कानून को 'कूड़ेदान में डालने' संबंधी बयान पर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि समस्या यह है कि जब नेता बिना पढ़े बोलते हैं तो ऐसी ही बातें होती हैं। एक तरफ वो संविधान की बात करते हैं, दूसरी ओर लोकसभा से बहुमत से पारित कानून का विरोध करते हैं। वक्फ कानून दुनिया के किसी इस्लामिक देश में भी नहीं है, लेकिन भारत में इसे लागू कराने की कोशिश हो रही है।

उन्होंने आरोप लगाया कि यह एक अंतरराष्ट्रीय साजिश है, जिसमें भारत को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है। देश को भड़काने के लिए अंतरराष्ट्रीय फंडिंग हो रही है और कोई आश्चर्य नहीं अगर 29 जून को हुई रैली की जांच में विदेशी नागरिकों की संलिप्तता सामने आए। सरकार को इस पर गंभीरता से जांच करनी चाहिए।

तेजस्वी यादव ने एनडीए में मतभेद होने की बात कही, इस पर संजय जायसवाल ने कहा कि हमारी चिंता छोड़िए, अपनी चिंता करिए कि चुनाव के बाद आपकी हालत क्या होगी। लोकसभा चुनाव के बाद इंडी गठबंधन बिखर चुका है और विधानसभा चुनाव के बाद महागठबंधन भी समाप्त हो जाएगा। देश की जनता अब सब समझ चुकी है और अब सिर्फ मुद्दों की राजनीति होगी, न कि साजिशों और भावनात्मक भड़काव की।

Point of View

NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

भाजपा ने बैठक का बहिष्कार क्यों किया?
भाजपा सांसदों ने एनजीओ और अन्य आमंत्रित व्यक्तियों की सूची न मिलने के कारण बैठक का बहिष्कार किया।
संजय जायसवाल ने किस मुद्दे पर सवाल उठाए?
उन्होंने बैठक में बुलाए गए व्यक्तियों की पहचान और उनकी पूर्व गतिविधियों पर सवाल उठाए।
क्या इस बहिष्कार का कोई प्रभाव पड़ेगा?
यह बहिष्कार ग्रामीण विकास के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने में बाधा डाल सकता है।