क्या भाजपा का सवाल सही है, 'कांग्रेस जीती तो ईसीआई ठीक और हारने पर गलत कैसे?'

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- भाजपा ने सवाल उठाया कि हारने पर आयोग गलत कैसे होता है।
- निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज किया है।
- बिहार सरकार ने 125 यूनिट बिजली देने की घोषणा की है।
- राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं।
पटना, 25 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से मतदाता सूची में गड़बड़ी के संबंध में शिकायत की है, जिसे आयोग ने पूरी तरह से खारिज कर दिया। भाजपा ने कांग्रेस से सवाल किया कि जीत में सब कुछ सही और हार में सब कुछ गलत कैसे हो सकता है? यह सवाल बिहार विधानसभा की कार्रवाई में शामिल सदस्यों ने उठाया। कांग्रेस ने जवाब दिया, "क्योंकि यह मतदान की चोरी का मामला है।"
बिहार सरकार में मंत्री संजय सरावगी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आरोपों को खारिज करते हुए उन्हें पर्यटक बताया। उन्होंने कहा, "उन्हें बिहार की जनता से कोई संबंध नहीं है। राज्य की वास्तविकता से ये लोग अनजान हैं। बिहार के लोगों ने इन्हें खारिज कर दिया है। ये लोग भले ही काले कपड़े पहनकर नाटक करें, लेकिन अब लोग इन्हें स्वीकार नहीं करने वाले। अब ये लोग गुंडाराज करने पर तुले हुए हैं, लेकिन जनता इन्हें स्वीकार नहीं करेगी।"
उन्होंने आगे कहा कि जब राज्य सरकार ने लोगों को 125 यूनिट बिजली देने की घोषणा की, तो ये लोग परेशान हो गए। राहुल गांधी को राज्य के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उनके सलाहकार जो भी सलाह देते हैं, वे उसी पर चलते हैं। इन्हें बिहार के बारे में कुछ नहीं पता।
जेडीयू विधायक विनय कुमार ने कहा कि राहुल गांधी की वर्तमान स्थिति ऐसी हो गई है कि कोई भी उन्हें गंभीरता से नहीं लेता। उनकी स्थिति अब किसी बेचारे जैसी हो गई है। यहां तक कि चुनाव आयोग ने भी उनके आरोपों को खारिज कर दिया है। चुनाव आयोग निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है। जब ये लोग चुनाव जीतते हैं, तो चुनाव आयोग उनके लिए सही होता है। लेकिन जब हार का सामना करना पड़ता है, तो इन्हें आयोग पर सवाल उठाने लग जाते हैं। आखिर ऐसा क्यों?
उन्होंने कहा कि अभी कांग्रेस के कई विधायक चुनाव जीत चुके हैं। आखिर कैसे जीते हैं? वही चुनाव आयोग तो उन्हें विजयी घोषित करता है। जब हम चुनाव जीत जाते हैं, तो ये लोग हमें बेईमान बताने लगते हैं। यह कब तक चलेगा? यदि चुनाव आयोग हमारे इशारों पर काम करता, तो हम सब सीटें जीत जाते। महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में हमें हार का सामना करना पड़ा था। आज हम जीत गए हैं। ऐसे में चुनाव आयोग पर सवाल उठाना यह दर्शाता है कि आप अपनी हार को पहले ही स्वीकार कर चुके हैं।
वहीं, कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद ने चुनाव आयोग की ओर से राहुल गांधी के आरोपों को खारिज करने पर कहा कि आयोग ऐसा करेगा। आयोग किसी के सही सुझाव को क्यों मानेगा? चुनाव आयोग ने तो सुप्रीम कोर्ट की सलाह को भी खारिज कर दिया है। आयोग वोट की चोरी कर रहा है और निश्चित रूप से आगे भी ऐसा ही करेगा। यह असहनीय है।