क्या मणिपुर में राष्ट्रपति शासन समाप्त होगा? भाजपा विधायकों का दावा

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क्या मणिपुर में राष्ट्रपति शासन समाप्त होगा? भाजपा विधायकों का दावा

सारांश

दिल्ली में केंद्रीय नेताओं से मुलाकात के बाद मणिपुर के भाजपा विधायकों ने सरकार के गठन की उम्मीद जताई है। पिछले 8 महीनों से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है। क्या यह बदलाव जल्द होगा? जानें इस लेख में!

Key Takeaways

  • मणिपुर में राष्ट्रपति शासन पिछले 8 महीनों से लागू है।
  • भाजपा विधायकों ने दिल्ली में केंद्रीय नेताओं से मुलाकात की।
  • सरकार के गठन की उम्मीद जताई गई है।
  • स्थिरता और जनता का विश्वास महत्वपूर्ण है।
  • मणिपुर में एक लोकप्रिय सरकार की आवश्यकता है।

इंफाल, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली में केंद्रीय नेताओं से बातचीत के बाद, शनिवार को इंफाल लौटे पांच भाजपा विधायकों ने मणिपुर में जल्द ही सरकार के गठन की उम्मीद व्यक्त की। मणिपुर में पिछले 8 महीनों से राष्ट्रपति शासन लागू है।

मणिपुर के लगभग 26 भाजपा विधायक पिछले हफ्ते और इस हफ्ते की शुरुआत में दिल्ली गए थे ताकि पार्टी के केंद्रीय नेताओं के समक्ष राज्य में शीघ्र एक लोकप्रिय सरकार बनाने का अनुरोध कर सकें। इनमें से पांच विधायक शनिवार को मणिपुर लौट आए हैं, जबकि अन्य विधायक अभी भी दिल्ली में हैं।

इन विधायकों में पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, मणिपुर विधानसभा अध्यक्ष सत्यब्रत सिंह, पूर्व मंत्री थोंगम बिस्वजीत सिंह, सपम रंजन सिंह, हेइखम डिंगो, युमखाम खेमचंद, कोंथौजम गोविंदास और विधायक करम श्याम शामिल हैं।

विधायकों ने दिल्ली में भाजपा के उत्तर-पूर्व प्रभारी और लोकसभा सांसद संबित पात्रा और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष के साथ बैठक की।

विधायक करम श्याम ने कहा कि संबित पात्रा और बीएल संतोष ने उन्हें निर्वाचित सरकार बहाल करने के प्रति सकारात्मक इरादे का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि हालिया चर्चाओं में पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की स्पष्ट चिंता और प्रतिबद्धता झलकती है।

करम श्याम ने कहा कि पहले बातचीत में लोकप्रिय सरकार के बहाली का जिक्र कम ही होता था, लेकिन इस बार उन्होंने इस मामले में स्पष्ट रुचि दिखाई है। हमें उम्मीद है कि जल्द ही सरकार बन जाएगी।

पूर्व मंत्री सपाम रंजन सिंह ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल का मुख्य उद्देश्य केंद्रीय नेताओं को मणिपुर की राजनीतिक और सुरक्षा स्थिति से अवगत कराना और निर्वाचित सरकार की शीघ्र बहाली के लिए दबाव बनाना था। हमने स्थिरता और जनता का विश्वास सुनिश्चित करने के लिए एक लोकप्रिय सरकार के गठन पर ध्यान केंद्रित किया। चर्चा सकारात्मक रही और हमें जल्द ही एक अनुकूल परिणाम की उम्मीद है।

भाजपा विधायक थौनाओजम श्यामकुमार ने पहले कहा था कि मणिपुर की जनता एक लोकप्रिय सरकार चाहती है। श्यामकुमार ने कहा कि अब राज्य में स्थिति बिल्कुल सामान्य है। यदि राज्य में एक लोकप्रिय सरकार बनती है, तो बेहतर होगा कि स्थिति से निपटा जाए और राज्य की जनता के सर्वांगीण लाभ के लिए विकास और कल्याणकारी कार्य किए जाएं।

आपको बताते चलें, मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होने से पहले राज्य में पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के नेतृत्व में भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार थी।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भाजपा विधायकों की दिल्ली में की गई बैठकें राजनीतिक बदलाव की संभावना को उजागर कर रही हैं। जनता के लिए स्थिरता और विकास महत्वपूर्ण है, और एक निर्वाचित सरकार की जल्द बहाली इस दिशा में एक सकारात्मक कदम हो सकता है।
NationPress
11/10/2025

Frequently Asked Questions

मणिपुर में राष्ट्रपति शासन कब से लागू है?
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन पिछले 8 महीनों से लागू है।
भाजपा विधायकों का दिल्ली में मुख्य उद्देश्य क्या था?
भाजपा विधायकों का मुख्य उद्देश्य केंद्रीय नेताओं को मणिपुर की राजनीतिक स्थिति से अवगत कराना और एक निर्वाचित सरकार की शीघ्र बहाली के लिए दबाव बनाना था।