क्या भाजपा ने तेलंगाना विधायक टी राजा सिंह का इस्तीफा स्वीकार कर लिया?

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क्या भाजपा ने तेलंगाना विधायक टी राजा सिंह का इस्तीफा स्वीकार कर लिया?

सारांश

भाजपा ने टी राजा सिंह का त्यागपत्र स्वीकार कर लिया है, जबकि उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए हैं। क्या यह भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है? जानिए इस घटना के पीछे की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • भाजपा ने टी राजा सिंह का इस्तीफा स्वीकार किया।
  • राजनीतिक विवाद और आंतरिक मतभेदों का गहराना।
  • टी राजा सिंह ने इस्तीफे में गंभीर आरोप लगाए हैं।

नई दिल्ली, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा ने तेलंगाना के गोशामहल से विधायक टी राजा सिंह का पार्टी से इस्तीफा औपचारिक रूप से स्वीकार कर लिया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उनके त्यागपत्र को तत्काल प्रभाव से मंजूरी दे दी है।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह की ओर से शुक्रवार को टी राजा सिंह को जारी एक आधिकारिक पत्र में यह जानकारी दी गई। पत्र में कहा गया है, "यह पत्र आपके द्वारा दिनांक 30 जून 2025 को जी किशन रेड्डी, अध्यक्ष, भाजपा तेलंगाना राज्य को दिए गए त्यागपत्र के संदर्भ में है। उक्त पत्र राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के संज्ञान में लाया गया है। आपने अपने पत्र में जो बातें कही हैं, वे पार्टी की कार्यप्रणाली, विचारधारा और सिद्धांतों से मेल नहीं खातीं। राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा के निर्देशानुसार, आपका त्यागपत्र तत्काल प्रभाव से स्वीकार किया जाता है।"

बता दें कि टी राजा सिंह अक्सर अपने विवादित बयानों और हिंदुत्व समर्थक रुख के लिए सुर्खियों में रहते हैं। उन्होंने 30 जून को पार्टी नेतृत्व को पत्र लिखकर अपना इस्तीफा सौंपा था। उनका यह फैसला रामचंदर राव को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की मीडिया रिपोर्ट्स के बाद सामने आया है।

अपने इस्तीफे में राजा सिंह ने लिखा था, "मैं यह पत्र भारी मन से और गहरी चिंता के साथ लिख रहा हूं। रामचंदर राव को तेलंगाना भाजपा का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की खबर से न सिर्फ मैं, बल्कि लाखों कार्यकर्ता, नेता और पार्टी के समर्पित मतदाता भी सदमे में हैं। ऐसे समय में जब भाजपा राज्य में पहली बार सरकार बनाने की दहलीज पर है, इस प्रकार का निर्णय पार्टी की दिशा पर गंभीर सवाल खड़े करता है।"

उन्होंने आरोप लगाया था कि कुछ लोग पर्दे के पीछे से फैसले करवा रहे हैं और व्यक्तिगत हितों को प्राथमिकता देकर पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को भ्रमित कर रहे हैं।

टी राजा सिंह ने तीन बार विधायक बनने का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी के लिए पूरी निष्ठा से काम किया, लेकिन अब वह चुप नहीं रह सकते। उन्होंने कहा, "यह फैसला किसी निजी महत्वाकांक्षा के कारण नहीं लिया गया है, बल्कि यह लाखों समर्पित कार्यकर्ताओं और समर्थकों की पीड़ा और निराशा की आवाज है।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि भाजपा के भीतर आंतरिक मतभेद और विवाद गहराते जा रहे हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देशों के आलोक में लिया गया यह निर्णय दर्शाता है कि पार्टी में अनुशासन बनाए रखने के प्रति गंभीरता बरती जा रही है।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

टी राजा सिंह ने इस्तीफा क्यों दिया?
टी राजा सिंह ने आरोप लगाया कि पार्टी में कुछ लोग व्यक्तिगत हितों के लिए फैसले करवा रहे हैं और उन्होंने अपनी चिंता व्यक्त की है कि पार्टी की दिशा पर सवाल उठ रहे हैं।
भाजपा ने उनका इस्तीफा कब स्वीकार किया?
भाजपा ने टी राजा सिंह का इस्तीफा 11 जुलाई को स्वीकार किया।
टी राजा सिंह का राजनीतिक करियर कैसा रहा है?
टी राजा सिंह ने तीन बार विधायक बनने का अनुभव प्राप्त किया है और पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा को दर्शाया है।
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