क्या भाजपा नेता पर हमले को लेकर जनता का आक्रोश सही है, टीएमसी पर आरोप क्यों नहीं? : कुणाल घोष

सारांश
Key Takeaways
- भाजपा नेता पर हमला सियासी विवाद का कारण बना है।
- टीएमसी ने इसे जनता के आक्रोश का प्रतीक बताया।
- ममता बनर्जी ने घायल भाजपा सांसद से मुलाकात की।
- कुणाल घोष ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए।
- राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।
पूर्व बर्धमान, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल में हाल ही में भाजपा नेता पर हुए हमले ने सियासी बवाल मचा दिया है। इस घटना के पश्चात भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखे हमले जारी रखे हैं। वहीं, इस मामले पर टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने भाजपा को जवाब देते हुए कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
कुणाल घोष ने कहा कि जब ओडिशा में भाजपा के ही नेताओं की हत्या की गई थी, तब क्या एनआईए या सीबीआई जांच की गई थी? यदि वहां कोई जांच नहीं हुई, तो यहां इतनी मांगें क्यों की जा रही हैं?
उन्होंने स्पष्ट किया कि टीएमसी इस हमले का समर्थन नहीं करती, यह केवल जनता के आक्रोश का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घायल भाजपा सांसद खगेन मुर्मू से अस्पताल जाकर मुलाकात की थी। इस पर कुणाल घोष ने कहा कि यह टीएमसी की शालीनता और मर्यादा का परिचायक है।
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब ममता बनर्जी पर हमला हुआ था, तब क्या ज्योति बसु उन्हें देखने गए थे? जब त्रिपुरा में टीएमसी कार्यकर्ताओं पर हमले हुए, तब क्या वहां के भाजपा मुख्यमंत्री ने किसी को देखने का प्रयास किया?
कुणाल घोष ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा विधायक खुद कह रहे हैं कि वे सौ दिनों की मजदूरी का पैसा नहीं देंगे, आवास योजना का पैसा रोकेंगे और दिल्ली में बैठकर बंगाल को आर्थिक रूप से कमजोर करने की योजना बना रहे हैं। जो लोग बंगाली बोलते हैं, उन्हें ‘बांग्लादेशी’ कहकर अपमानित किया जाता है। ऐसे में यदि ग्रामीण बंगाल के लोग नाराज हैं, तो इसका दोष टीएमसी पर नहीं लगाया जा सकता।
इस दौरान कुणाल घोष के साथ राज्य मंत्री स्वपन देबनाथ, जिला अध्यक्ष रवींद्रनाथ चटर्जी, युवा नेता रश्मिहारी हालदार और टीएमसी के कई वरिष्ठ पदाधिकारी भी उपस्थित थे।