क्या भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने राहुल गांधी पर 'झूठ' बोलने का आरोप लगाया?

सारांश
Key Takeaways
- प्रदीप भंडारी ने राहुल गांधी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया।
- राहुल की प्रेस कॉन्फ्रेंस को आधारहीन करार दिया गया।
- राजनीतिक विवाद और लोकतंत्र की रक्षा की आवश्यकता।
नई दिल्ली, 8 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें झूठ बोलने के लिए कठघरे में खड़ा किया है। समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने राहुल गांधी पर मतदाता सूची में अनियमितताओं के संबंध में झूठ बोलने का आरोप लगाया और कहा कि राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उठाए गए प्रश्न पूरी तरह से आधारहीन हैं और उनकी मंशा सही नहीं है।
भंडारी ने कहा कि राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक काल्पनिक व्यक्ति ‘आदित्य श्रीवास्तव’ का जिक्र किया, जो महाराष्ट्र में कहीं नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि राहुल ने कर्नाटक के महादेवपुरा में भाजपा के केवल एक विधानसभा सीट जीतने का दावा किया, जबकि सच्चाई यह है कि भाजपा वहां 2009 से लगातार चार विधानसभा सीटों पर जीत रही है।
प्रदीप भंडारी ने इसे राहुल गांधी का झूठ मानते हुए कहा कि चाहे राफेल का मामला हो, चीन का मुद्दा हो या चुनाव आयोग पर आरोप, राहुल गांधी लगातार गलत जानकारी फैलाते हैं।
उन्होंने राहुल गांधी की तुलना ‘बालक बुद्धि’ से करते हुए कहा कि उनके आसपास के लोग उनकी नाकामियों का ठीकरा कभी ईवीएम, कभी मतदाता सूची, तो कभी अन्य मुद्दों पर फोड़ते हैं। भंडारी ने कहा कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को पहले आपस में बात कर लेनी चाहिए। उन्होंने चुनाव आयोग पर सवाल उठाने वालों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ऐसी हरकतें लोकतंत्र को कमजोर करती हैं।
भंडारी ने कहा कि राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस ने एक बार फिर साबित कर दिया कि उनके आरोपों का कोई आधार नहीं है। उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव पर भी निशाना साधा और कहा कि तेजस्वी ने भी फर्जी वोटर आईडी के आधार पर चुनाव आयोग पर सवाल उठाए थे, जिसके लिए आयोग ने उन्हें नोटिस जारी किया। भंडारी ने पूछा कि तेजस्वी यह बताएं कि उन्होंने झूठे दावों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस क्यों की? उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी ने एक वोटर आईडी पर तीन लोगों के पंजीकरण का दावा किया, तो इस मामले में सबसे ज्यादा सवाल तेजस्वी पर उठने चाहिए, क्योंकि उनके नाम पर दो वोटर आईडी होने की बात सामने आई है।