क्या मतदाता सूची में हेरफेर एक गंभीर समस्या है? स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान

Click to start listening
क्या मतदाता सूची में हेरफेर एक गंभीर समस्या है? स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान

सारांश

स्वामी प्रसाद मौर्य ने उत्तर प्रदेश की बढ़ती अपराध दर और मतदाता सूची में हेरफेर को लेकर गंभीर चिंताएं व्यक्त की हैं। क्या चुनाव आयोग अपनी भूमिका निभाने में सक्षम है? जानिए इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर उनका क्या कहना है।

Key Takeaways

  • उत्तर प्रदेश में बढ़ते अपराधों की गंभीरता।
  • मतदाता सूची में हेरफेर का मुद्दा।
  • सरकार के मंत्री अपनी शिकायतें कर रहे हैं।
  • चुनाव आयोग को नागरिकों के प्रति जवाबदेह होना चाहिए।
  • गड़बड़ियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग।

लखनऊ, ८ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने उत्तर प्रदेश में बढ़ते अपराध और मतदाता सूची में कथित हेरफेर को लेकर गंभीर चिंताएं व्यक्त की। उन्होंने भाजपा सरकार और चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कई मुद्दों पर अपनी राय रखी।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश अब जंगलराज में बदल चुका है। प्रदेश में माफिया और अपराधी दहशत फैला रहे हैं, जिससे सवर्ण, ओबीसी, दलित और अल्पसंख्यक युवाओं की हत्याएं हो रही हैं और बलात्कार की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। यह सब सुनियोजित है।

उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश में कई मंत्री अपनी शिकायतें सार्वजनिक कर रहे हैं, जैसे नगर विकास और ऊर्जा मंत्री ने विभागीय मंत्रियों की अनसुनी की पीड़ा व्यक्त की है। कुछ मंत्रियों को धरने पर बैठना पड़ा, जो कि सरकार की कमजोरी और अस्थिरता को दर्शाता है।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने चुनाव आयोग से अपील की कि भारतीय संविधान हर नागरिक को वोट देने का अधिकार देता है, जो हमारा संवैधानिक कर्तव्य है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना मतदाताओं की सहमति के नाम काटना, वोट से वंचित करने की साजिश है। सत्ताधारी पार्टी अपनी सुविधा के अनुसार मतदाता सूची में नाम जोड़ती और घटाती है।

उन्होंने कहा कि वे बिहार एसआईआर का कड़ा विरोध करते हैं। लोगों का चुनाव आयोग पर विश्वास है, लेकिन मतदाता सूची में नाम बढ़ाने-घटाने से यह विश्वास कमजोर हो रहा है।

उन्होंने मांग की कि अगर मतदाता सूची में गड़बड़ी होती है, तो जिला निर्वाचन अधिकारियों और अन्य संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। किसी राजनीतिक पार्टी द्वारा शिकायत की जाती है, तो उसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए और दोषी अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी चाहिए।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि बेंगलुरु विधानसभा में फर्जी वोटिंग की घटनाएं सामने आई हैं, जहां भाजपा ने एक तरफा विरोध जताया और दूसरी तरफ समर्थन किया। उन्होंने प्रश्न उठाया कि पिछले १० वर्षों में यदि मतदाता सूची में गड़बड़ी हुई, तो जिम्मेदार कौन है? उन्होंने कहा कि जब सत्ता पक्ष चाहता है, नाम बढ़ाता है और जब जरूरत पड़ती है, नाम कटवाता है। उन्होंने चुनाव आयोग से अपील की कि वह सत्ता पक्ष का गुलाम न बने, बल्कि देश के नागरिकों के प्रति जवाबदेह बने।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि चुनाव आयोग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोगों का उस पर भरोसा बना रहे। यदि गड़बड़ियां पाई जाती हैं, तो दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी शिकायतें न आएं।

Point of View

बल्कि यह भी दर्शाता है कि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता कितनी महत्वपूर्ण है। हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि लोकतंत्र की नींव मजबूत रहे, और नागरिकों का विश्वास चुनाव आयोग पर बना रहे।
NationPress
08/08/2025

Frequently Asked Questions

स्वामी प्रसाद मौर्य ने क्या मुद्दे उठाए?
स्वामी प्रसाद मौर्य ने उत्तर प्रदेश में बढ़ते अपराध और मतदाता सूची में हेरफेर को लेकर गंभीर सवाल उठाए।
क्या चुनाव आयोग पर विश्वास कम हो रहा है?
हाँ, स्वामी प्रसाद मौर्य के अनुसार, मतदाता सूची में हेरफेर से लोगों का चुनाव आयोग पर विश्वास कमजोर हो रहा है।
सरकार की कमजोरी क्या दर्शाती है?
कुछ मंत्रियों के धरने पर बैठने से यह स्पष्ट होता है कि सरकार में अस्थिरता और कमजोरी है।