क्या ऑटो कंपनियों से भाजपा सरकार की मिलीभगत मिडिल क्लास को गाड़ियां खरीदने पर मजबूर कर रही है?

Click to start listening
क्या ऑटो कंपनियों से भाजपा सरकार की मिलीभगत मिडिल क्लास को गाड़ियां खरीदने पर मजबूर कर रही है?

सारांश

दिल्ली की सड़कों से पुरानी गाड़ियों को हटाने के भाजपा सरकार के आदेश पर आम आदमी पार्टी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। मनीष सिसोदिया ने इसे तुगलकी फरमान बताते हुए ऑटो कंपनियों और भाजपा के बीच सांठगांठ का आरोप लगाया है। जानिए इस मुद्दे पर क्या है सिसोदिया का कहना।

Key Takeaways

  • दिल्ली में 61 लाख मीडिल क्लास प्रभावित हुए हैं।
  • पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप करने का आदेश विवादास्पद है।
  • सरकार के निर्णयों में पारदर्शिता की कमी है।

नई दिल्ली, 3 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली की सड़कों से पुरानी गाड़ियों को हटाने के लिए भाजपा सरकार के आदेश पर आम आदमी पार्टी (आप) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। पार्टी के प्रमुख नेता मनीष सिसोदिया ने इस निर्णय को तुगलकी फरमान करार दिया।

मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह निर्णय भाजपा और ऑटो कंपनियों के बीच सांठगांठ का नतीजा है। भाजपा दिल्ली के 61 लाख मीडिल क्लास को नई गाड़ियां खरीदने के लिए मजबूर कर रही है, जबकि इनमें से कई गाड़ियां कम चली हैं और प्रदूषण भी नहीं फैला रही हैं। इसके बावजूद, बीजेपी सरकार इन्हें खराब बताकर स्क्रैप करने का आदेश दे रही है।

उन्होंने कहा कि फुलेरा की पंचायत वाली सरकार का यह निर्णय केवल वाहन निर्माता कंपनियों, स्क्रैप डीलरों और हाई सिक्युरिटी नंबर प्लेट बनाने वाली कंपनियों को लाभ पहुंचाएगा। हमारी मांग है कि सरकार पुरानी गाड़ियों को पेट्रोल पंप पर ईंधन न देने का जनविरोधी आदेश तुरंत वापस ले।

सीरीज का उल्लेख करते हुए सिसोदिया ने कहा कि इस सीरीज में साम, दाम, दंड, भेद और झूठ बोलकर साजिशें की जाती हैं। दिल्ली सरकार भी इसी तरह की कार्यप्रणाली अपना रही है। इन्होंने एजेंसीज और पुलिस का दुरुपयोग करके अपनी नई पंचायत बना ली है।

उन्होंने कहा कि समस्या यह है कि इन्हें सरकार चलाना नहीं आता। इसलिए ये मनमाने आदेश दे रहे हैं और सरकार का फायदा उठाने वाली शक्तियां नियंत्रण में हैं।

मनीष सिसोदिया ने 61 लाख वाहन मालिकों के दर्द को साझा करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार (फुलेरा की नई पंचायत) ने लोगों की कार और मोटरसाइकिल चलाना मुश्किल कर दिया है। 15 साल पुरानी पेट्रोल और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों को ईंधन नहीं मिलेगा। बहाना प्रदूषण है, लेकिन असल में आम आदमी को लूटने का इरादा है। दिल्ली में 18 लाख कारें और 41 लाख बाइक हैं। कुल 61 लाख परिवारों के वाहनों पर भाजपा सरकार के इस फैसले की वजह से संकट आ गया है।

उन्होंने कहा कि वाहन मालिक आज खून के आंसू रो रहे हैं। उनकी गाड़ी ठीक है और उन्हें अच्छी तरह से मेंटेन किया गया है। बहुत सारी गाड़ियां 20,000 किलोमीटर से भी कम चली हैं। लोगों ने इन गाड़ियों के प्रदूषण नियंत्रण के मानदंडों को बनाए रखा है। लेकिन, फुलेरा की नई पंचायत का आदेश है कि अब इन गाड़ियों को पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा। अब उन्हें नई कार या बाइक खरीदनी होगी। बीजेपी की सरकार 61 लाख परिवारों को नई गाड़ी खरीदने के लिए मजबूर कर रही है।

मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के लोगों की ओर से सरकार से अनुरोध किया है कि दिल्लीवालों ने आपकी सरकार बनाई है, कृपया उन्हें इस तरह से मत रुलाइए। भाजपा कभी प्राइवेट स्कूल वालों के गले में बांहें डालकर उनकी फीस बढ़वा देती है, तो कभी ऑटोमोबाइल कंपनियों को नई गाड़ी खरीदने के लिए तुगलकी आदेश देती है। इस आदेश को तुरंत वापस लिया जाए।

Point of View

यह स्पष्ट है कि सरकार के निर्णयों को आम जनता के हित में होना चाहिए। हालांकि, जब नीतियों का उद्देश्य केवल उद्योगों को लाभ पहुंचाना हो, तो यह चिंताजनक होता है। हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि सभी निर्णय पारदर्शी और जनता के कल्याण के लिए हों।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

क्या भाजपा सरकार का यह निर्णय उचित है?
यह निर्णय बहुत से लोगों के लिए समस्याएं पैदा कर रहा है, विशेषकर मिडिल क्लास के लिए।
क्या पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप करना सही है?
अगर गाड़ियां ठीक हैं और प्रदूषण नहीं फैला रही हैं, तो उन्हें स्क्रैप करना उचित नहीं है।
मनीष सिसोदिया ने क्या कहा?
उन्होंने इसे तुगलकी फरमान बताया और सरकार की नीतियों पर सवाल उठाया।