क्या तमिलनाडु में कोलाथुर के जलाशयों पर अतिक्रमण हटाने की मांग उठाई गई है?
सारांश
Key Takeaways
- भाजपा ने जलाशयों पर अतिक्रमण हटाने की मांग की है।
- मद्रास हाईकोर्ट का आदेश जलाशयों के संरक्षण का महत्वपूर्ण कदम है।
- मुख्यमंत्री की नैतिक जिम्मेदारी है कि वे इस मुद्दे पर कार्रवाई करें।
चेन्नई, २५ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तमिलनाडु शाखा ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से कोलाथुर विधानसभा क्षेत्र में जलाशयों पर हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए त्वरित कदम उठाने की अपील की है। पार्टी ने कहा कि यह मुद्दा लंबे समय से लंबित चुनावी वादों से जुड़ा है और अब मद्रास हाईकोर्ट के हालिया आदेश के बाद इसकी गंभीरता और बढ़ गई है।
गुरुवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में तमिलनाडु भाजपा के राज्य प्रवक्ता एएनएस प्रसाद ने कहा कि मद्रास हाईकोर्ट ने कोलाथुर स्थित वन्ननकुलम झील से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया है, जिसे “युद्धस्तर” पर लागू किया जाना चाहिए।
यह आदेश कोलाथुर निवासी अधिवक्ता देवराज द्वारा दायर याचिका पर आया, जिसमें पेरावलूर क्षेत्र की लगभग ३५० एकड़ भूमि से अतिक्रमण हटाने की मांग की गई थी। याचिका में वन्ननकुलम झील, कई तालाबों, टैंकों और सरकारी पोरम्बोक भूमि पर अवैध कब्जों का उल्लेख किया गया, जो मानसून के दौरान महत्वपूर्ण कैचमेंट क्षेत्र के रूप में कार्य करते हैं।
मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवत्सव और न्यायमूर्ति जी अरुल मुरुगन की खंडपीठ ने राजस्व विभाग, तमिलनाडु अर्बन हैबिटेट डेवलपमेंट बोर्ड और ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन को अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए।
भाजपा ने मुख्यमंत्री से इन विभागों को स्पष्ट और समयबद्ध निर्देश जारी करने का आग्रह किया है ताकि अदालत के आदेश का शीघ्र क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके। पार्टी ने कहा कि कोलाथुर के विधायक होने के नाते, स्टालिन की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वे स्वयं हस्तक्षेप कर इस लंबे समय से चले आ रहे मुद्दे का समाधान करें।
भाजपा का आरोप है कि जलाशयों की सुरक्षा और पुनर्स्थापना को लेकर अदालतों के लगातार निर्देशों के बावजूद, संबंधित एजेंसियों ने उन्हें गंभीरता से लागू नहीं किया। पार्टी ने २०२१ से २०२५ के बीच कोलाथुर में अस्पतालों, खेल मैदानों और बस स्टैंड जैसे क्षेत्रों में हुए सुधारों को स्वीकार करते हुए कहा कि कई बुनियादी वादे अब भी अधूरे हैं। इनमें पेरंबूर चर्च से रेट्टेरी जंक्शन तक पेपर मिल्स रोड के चौड़ीकरण का वादा भी शामिल है, जो १५ वर्ष से अधिक पुराना है।
भाजपा ने यह भी आरोप लगाया कि कई अतिक्रमण पूर्ववर्ती शासनकाल में राजनीतिक कार्यकर्ताओं की मिलीभगत से किए गए। पार्टी ने २०११ में स्टालिन द्वारा दिए गए उस आश्वासन को भी याद दिलाया, जिसमें उन्होंने कोलाथुर में अतिक्रमण पूरी तरह हटाने, तालाबों व टैंकों को बहाल करने और पेयजल स्रोतों की सुरक्षा की बात कही थी।
अंत में भाजपा ने मुख्यमंत्री से अपील की कि वे हाईकोर्ट के आदेश को बिना देरी लागू कर एक उदाहरण पेश करें और कोलाथुर के सभी जलाशयों की पूर्ण बहाली सुनिश्चित करें।