क्या कृषि मंत्री शिवराज चौहान से सीएम चंद्रबाबू नायडू ने केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय की मांग की?
सारांश
Key Takeaways
- कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग
- नारियल पार्क और एक्वा लैब की जरूरत
- किसानों की आय बढ़ाने के लिए योजनाएं
- केंद्र से अधिक सहयोग की अपेक्षा
- प्राकृतिक खेती को राष्ट्रीय संसाधन राज्य घोषित करने की मांग
अमरावती, २५ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने केंद्र सरकार से राज्य में एक केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, नारियल पार्क, एक्वा लैब और मैंगो बोर्ड की स्थापना करने का आग्रह किया।
गुरुवार को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ हुई मुलाकात में, उन्होंने कृषि और संबंधित क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए केंद्र से अधिक सहयोग की अपील की।
ज्ञापन में मुख्यमंत्री ने कहा कि आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, २०१४ की अनुसूची १३ के तहत राज्य में एक केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग को २,५८५ करोड़ रुपए की अनुमानित लागत वाली एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) सौंपी जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को राज्य में कृषि के विकास के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि कृषि और संबंधित क्षेत्रों में १०.७० प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है और इसके लिए एक पाँच सूत्री योजना लागू की जा रही है।
कृषि विकास के संदर्भ में मुख्यमंत्री द्वारा सौंपे ज्ञापन में पीएम आरकेवीवाई-पीडीएमसी योजना के तहत सूक्ष्म सिंचाई के विस्तार के लिए अतिरिक्त ६९५ करोड़ रुपए की मांग की गई है।
सीएम नायडू ने कहा कि परिवहन के दौरान होने वाले नुकसान को कम करने और बाजार तक पहुंच बढ़ाने के लिए रेलगाड़ियों के माध्यम से केले के परिवहन पर सब्सिडी दी जानी चाहिए।
नारियल आधारित उद्योगों के विकास हेतु लगभग २०० करोड़ रुपए की लागत से नारियल पार्क की स्थापना की अनुमति दी जानी चाहिए।
ज्ञापन में अन्य मांगों में 'विकसित भारत-जी राम जी' योजना के तहत रेशम कीट पालन शेडों के लिए सहायता, प्राकृतिक खेती में वैज्ञानिक अनुसंधान को प्राथमिकता, पीएम-प्रणाम के तहत निधि जारी करने और एनएमएनएफ के तहत २०२६-२७ के लिए १०,००० प्राकृतिक खेती क्लस्टरों की मंजूरी शामिल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार को २०२५-२६ में स्वीकृत ५,००० क्लस्टरों के रखरखाव का खर्च उठाना चाहिए। राज्य भर में ४० लाख किसान प्राकृतिक खेती कर रहे हैं, इसलिए अगले पाँच वर्षों में अतिरिक्त २०,००० क्लस्टर आवंटित किए जाने चाहिए।
उन्होंने केंद्र से आंध्र प्रदेश को प्राकृतिक खेती के लिए राष्ट्रीय संसाधन राज्य घोषित करने की भी मांग की।
उन्होंने यह भी कहा कि विजयवाड़ा और अमरावती में अत्याधुनिक जलीय प्रयोगशालाएं स्थापित की जानी चाहिए। पुलिकट झील के विकास कार्यों के लिए भी धन आवंटन की आवश्यकता है।