क्या भाजपा विधायक के पाग फेंकने से मिथिला की संस्कृति को हुआ है नुकसान?

सारांश
Key Takeaways
- पाग मिथिला की अस्मिता का प्रतीक है।
- भाजपा विधायक का व्यवहार विवादास्पद रहा।
- स्थानीय लोगों में गहरी नाराजगी है।
- सोशल मीडिया पर इसे लेकर चर्चा हो रही है।
- यह घटना चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकती है।
दरभंगा, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। अलीनगर विधानसभा में आयोजित एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान एक विवाद खड़ा हो गया, जब उत्तर प्रदेश के बलिया से भाजपा विधायक केतकी सिंह ने मिथिला की सांस्कृतिक पहचान और सम्मान के प्रतीक ‘पाग’ को मंच से फेंक दिया।
इस घटना ने स्थानीय लोगों और कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी पैदा कर दी है। मिथिला क्षेत्र में पाग को अस्मिता और गौरव का प्रतीक माना जाता है, और इस घटना को संस्कृति के अपमान के रूप में देखा जा रहा है।
कार्यक्रम के दौरान अतिथियों का पारंपरिक रूप से पाग पहनाकर स्वागत किया जा रहा था। इसी दौरान विधायक केतकी सिंह ने पाग को उठाते हुए सवाल किया, 'ये पाग क्या है?' जब दर्शकों ने जवाब दिया कि 'यह मिथिला का सम्मान है,' तो विधायक ने पाग को फेंकते हुए कहा, 'नहीं, ये मिथिला का सम्मान नहीं... मैथिली ठाकुर मिथिला का सम्मान हैं।' इस बयान और व्यवहार से मंच और मैदान में मौजूद लोग स्तब्ध रह गए। विपक्षी पार्टियों ने इसे मिथिला की संस्कृति और परंपरा का अपमान करार दिया।
दरभंगा शहरी विधानसभा से जन सुराज के प्रत्याशी राकेश कुमार मिश्रा ने इस घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, 'पाग केवल एक वस्त्र नहीं, बल्कि मिथिला की अस्मिता, संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है। इसका अपमान पूरे मैथिल समाज का अपमान है। इस घटना से मिथिला के लोग गहरे आहत हैं।'
मिश्रा ने मांग की कि भाजपा नेतृत्व इस मामले में सार्वजनिक रूप से माफी मांगे और मिथिला की संस्कृति के सम्मान में स्पष्ट रुख अपनाए। यह घटना सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन चुकी है, जहां लोग पाग के अपमान को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।
ऐसा कहा जा रहा है कि यह विवाद दरभंगा और आसपास के क्षेत्रों के चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकता है। मिथिला की सांस्कृतिक अस्मिता से जुड़े इस मुद्दे ने स्थानीय लोगों के बीच गहरी नाराजगी पैदा की है, जो आगामी चुनावों में एनडीए के लिए चुनौती बन सकता है।