क्या बोकारो में अवैध बालू खनन के चलते दामोदर नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- बोकारो में दामोदर नदी पर पुल की स्थिति गंभीर है।
- अवैध खनन के कारण पुल के पिलर क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
- जिला प्रशासन ने भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई है।
- स्थानीय निवासियों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
- यदि समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो पुल ध्वस्त हो सकता है।
बोकारो, 15 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड की नदियों से बालू के अनियंत्रित अवैध खनन के कारण कई पुलों का अस्तित्व संकट में आ गया है। बोकारो जिले में दामोदर नदी पर खेतको-जारंगडीह को जोड़ने वाला पुल भी इसी कारण क्षतिग्रस्त हो गया है।
जिला प्रशासन ने पुल की खतरनाक स्थिति को देखते हुए भारी वाहनों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। यह पुल बोकारो जिले के पेटरवार और बेरमो प्रखंड को जोड़ता है।
दामोदर नदी पर बने इस पुल पर बोकारो के उपायुक्त अजय नाथ झा के आदेश पर दोनों ओर बैरिकेडिंग कर दी गई है और सूचना बोर्ड लगाकर स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि भारी वाहन पुल पार नहीं कर सकते।
यह पुल 2011-12 में करोड़ों रुपए की लागत से तैयार हुआ था। बालू माफिया द्वारा दामोदर नदी में अंधाधुंध अवैध खनन के कारण पुल के नीचे की ज़मीन खिसकने लगी और कुछ ही वर्षों में पुल के आठ पिलर क्षतिग्रस्त हो गए। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि पुल पर भारी वाहनों के दबाव के कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
स्थिति की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए उपायुक्त के निर्देश पर संबंधित टीम ने पुल का निरीक्षण किया और सुरक्षा के मद्देनजर भारी वाहनों की आवाजाही पर तत्काल रोक लगाने का निर्णय लिया गया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि जल्द ही बालू के अवैध खनन पर नियंत्रण नहीं किया गया, तो पुल पूरी तरह से ध्वस्त हो सकता है और क्षेत्र की कनेक्टिविटी पर संकट खड़ा हो जाएगा। लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि बालू माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाए।