क्या एसआईआर कराने का दायित्व चुनाव आयोग का है? : ब्रजेश पाठक

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क्या एसआईआर कराने का दायित्व चुनाव आयोग का है? : ब्रजेश पाठक

सारांश

क्या चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है मतदाता सूची का एसआईआर? ब्रजेश पाठक ने विपक्षी आरोपों का जवाब दिया। जानें इस पर उनका क्या कहना है और चुनाव सुधार पर बहस में क्या नया है।

Key Takeaways

  • मतदाता सूची का एसआईआर चुनाव आयोग का दायित्व है।
  • विपक्ष ने धांधली के आरोप लगाए हैं।
  • ब्रजेश पाठक ने सभी आरोपों को खारिज किया।
  • चुनाव में शुचिता और पारदर्शिता बनाए रखना आवश्यक है।

नई दिल्ली, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। संसद का शीतकालीन सत्र इस समय जारी है। इस दौरान सरकार और विपक्ष के बीच चुनाव सुधारों को लेकर तीव्र संवाद देखने को मिल रहा है। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बुधवार को इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का कार्य चुनाव आयोग का है।

समाजवादी पार्टी सहित कई विपक्षी दल एसआईआर के माध्यम से सरकार पर कथित धांधली के आरोप लगा रहे हैं। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए इन आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा, "यह संवैधानिक दायित्व निर्वाचन आयोग का है। हम सभी का कर्तव्य है कि चुनाव में शुचिता बनाए रखें। मतदाता सूची में केवल उन्हीं नागरिकों का नाम होना चाहिए, जो मतदान के लिए अधिकृत हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "हम सभी कार्यकर्ता शुचिता और पारदर्शिता पूर्ण चुनाव के लिए बूथ पर जाकर गणना प्रपत्र फॉर्म जमा करा रहे हैं। मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद फॉर्म 6, 7 और 8 के जरिए नाम जोड़ना, हटाना और पता परिवर्तन किया जाएगा। इसमें किसी को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। केवल संभावित हार के डर से समाजवादी पार्टी के लोग उल्टे-सीधे आरोप लगा रहे हैं।"

अखिलेश यादव ने कहा, "बिहार में जंगलराज और गुंडाराज की हार हुई है। उत्तर प्रदेश में भी समाजवादी पार्टी के गुंडाराज और जंगलराज की हार होगी। उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गरीब कल्याण योजनाओं और मजबूत कानून व्यवस्था की वजह से तेजी से आगे बढ़ रहा है।"

इससे पहले मंगलवार को समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने एसआईआर प्रक्रिया पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था, "उत्तर प्रदेश में अब तक 10 बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) इस प्रक्रिया में अपनी जान गंवा चुके हैं। हम मांग करते हैं कि मृतक बीएलओ के परिवार को 1 करोड़ रुपए का अनुदान और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।"

Point of View

आरोप-प्रत्यारोप चुनावी राजनीति का हिस्सा है। महत्वपूर्ण यह है कि चुनाव आयोग अपने कार्यों को प्रभावी तरीके से अंजाम दे और सभी पक्षों के साथ संवाद बनाए रखे।
NationPress
10/12/2025

Frequently Asked Questions

एसआईआर क्या है?
एसआईआर का अर्थ है विशेष गहन पुनरीक्षण, जो मतदाता सूची की शुद्धता को सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है।
चुनाव आयोग की जिम्मेदारी क्या है?
चुनाव आयोग का कार्य स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना होता है, जिसमें मतदाता सूची का प्रबंधन भी शामिल है।
विपक्ष के आरोपों का क्या महत्व है?
विपक्ष के आरोप चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हैं, जो लोकतंत्र के लिए आवश्यक है।
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