क्या बुलंदशहर में धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश हुआ? 9 आरोपी गिरफ्तार

सारांश
Key Takeaways
- बुलंदशहर में बड़ा धर्मांतरण रैकेट पकड़ा गया।
- 9 आरोपियों में एक महिला भी शामिल है।
- गिरोह दलित और गरीब परिवारों को प्रलोभित करता था।
- पुलिस ने कई महत्वपूर्ण वस्तुएं बरामद की हैं।
- जांच जारी है, और फंडिंग के स्रोत की भी जांच की जा रही है।
बुलंदशहर, 11 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के सिकंदराबाद थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक विशाल धर्मांतरण गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस कार्रवाई में 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक महिला भी शामिल है।
आरोप है कि यह गिरोह वीरखेड़ा गांव में गरीब और दलित परिवारों को पैसों और सुविधाओं का लालच देकर हिंदू धर्म से ईसाई धर्म में परिवर्तन कर रहा था। जांच में यह भी सामने आया है कि यह नेटवर्क पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सक्रिय रहा है और इसका संबंध ईसाई मिशनरी से भी है।
पुलिस ने मौके से बाइबल, ईसाई प्रार्थना की किताबें, धर्म परिवर्तन प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, नकदी, कैश बुक, ट्रस्ट की बैलेंस शीट और 9 मोबाइल बरामद किए हैं।
एसपी सिटी शंकर प्रसाद ने बताया कि गिरोह का नेटवर्क काफी बड़ा है और जल्द ही पूछताछ के बाद और भी नाम सामने आ सकते हैं। फिलहाल आरोपियों से गहन पूछताछ जारी है, साथ ही फंडिंग के स्रोत की भी जांच की जा रही है। सभी आरोपियों को अदालत में पेश किया गया।
एसपी सिटी शंकर प्रसाद ने राष्ट्र प्रेस को बताया कि सिकंदराबाद थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि वीरखेड़ा गांव में बाहर से आए लोग स्थानीय निवासियों को प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने का प्रयास कर रहे हैं। सूचना मिलने के बाद पुलिस टीम ने मौके पर जाकर जांच की और इस संबंध में नौ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की।
इस दौरान तथ्य सामने आया कि यह गैंग बुलंदशहर जिले और आसपास के क्षेत्रों में ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार करते हैं। स्थानीय लोगों को प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन का प्रयास करते हैं। इनके अन्य राज्यों और विदेशी संस्थानों से जुड़े होने के संबंध में छानबीन की जा रही है।
स्थानीय निवासी रविंद्र शर्मा ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान बताया कि पहले ये लोग सामान्य जीवनयापन कर रहे थे। पिछले कुछ दिनों में इन लोगों के रहन-सहन में परिवर्तन आया है। रविवार को पुलिस ने छापेमारी की थी। इस दौरान कुछ बाहरी लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
जानकारी के मुताबिक, यहां हिंदू धर्म से ईसाई में धर्मांतरण कराने का काम किया जा रहा था।