क्या बीवीएफसीएल की क्षमता को बढ़ाने के लिए नामरूप साइट पर चौथा प्लांट स्थापित किया जाएगा?

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क्या बीवीएफसीएल की क्षमता को बढ़ाने के लिए नामरूप साइट पर चौथा प्लांट स्थापित किया जाएगा?

सारांश

केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने घोषणा की है कि बीवीएफसीएल के परिसर में चौथा नामरूप फर्टिलाइजर प्लांट स्थापित किया जाएगा। यह योजना पूर्वोत्तर के किसानों के लिए फायदेमंद होगी और कृषि उत्पादकता को बढ़ाएगी। जानें इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के बारे में और इसके प्रभावों के बारे में।

Key Takeaways

  • बीवीएफसीएल का नया प्लांट पूर्वोत्तर के किसानों के लिए फायदेमंद होगा।
  • यह कृषि उत्पादकता को बढ़ाएगा।
  • इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
  • इसकी क्षमता 12.5 लाख मीट्रिक टन प्रति वर्ष होगी।
  • यह पड़ोसी देशों को निर्यात की सुविधा भी देगा।

नई दिल्ली, 24 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बताया कि ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीवीएफसीएल) के वर्तमान परिसर में एक नया ब्राउनफील्ड अमोनिया-यूरिया कॉम्प्लेक्स, चौथा नामरूप फर्टिलाइजर प्रोजेक्ट का निर्माण किया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर भारत की सबसे पुरानी फर्टिलाइजर यूनिट बीवीएफसीएल, अपनी स्थापना के समय से ही इस क्षेत्र के किसानों की सेवा कर रही है। बीवीएफसीएल की क्षमता को बढ़ाने के लिए नामरूप साइट पर एक चौथा प्लांट स्थापित किया जा रहा है।

उन्होंने आगे कहा, "भारत सरकार के सहयोग से इस नए प्लांट के अगले पांच वर्षों में पूरा होने की उम्मीद है, जिसकी उत्पादन क्षमता 12.5 लाख मीट्रिक टन प्रति वर्ष होगी।"

केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने डिब्रूगढ़ जिले में नामरूप फर्टिलाइजर प्लांट (बीवीएफसीएल) का दौरा किया और मौजूदा सुविधा के प्रमुख पहलुओं के साथ-साथ चल रहे और आगामी विस्तार कार्यों की समीक्षा की।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "पीएम मोदी के नेतृत्व में असम का गौरव, हमारा नामरूप फर्टिलाइजर प्लांट 10,000 करोड़ से अधिक के निवेश से नए ब्राउनफील्ड अमोनिया-यूरिया कैंपस के साथ एक नया जीवन प्राप्त कर रहा है। यह महत्वाकांक्षी पहल कृषि उत्पादकता को बढ़ाएगी, बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करेगी और इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करेगी।"

केंद्रीय मंत्री सोनोवाल के अनुसार, यह कदम पूर्वोत्तर को दक्षिण पूर्व एशिया के प्रमुख उत्पादक केंद्रों में से एक के रूप में विकसित करने में महत्वपूर्ण होगा।

उन्होंने आगे बताया कि इस विस्तार से यह सुविधा एक प्रमुख उत्पादन केंद्र में तब्दील हो जाएगी, जिससे पूर्वोत्तर के किसानों की उर्वरक जरूरतें पूरी होंगी और भूटान एवं म्यांमार जैसे पड़ोसी देशों को निर्यात भी संभव हो सकेगा। इस बढ़ी हुई क्षमता से पश्चिम बंगाल और बिहार के अतिरिक्त बाजारों को भी सेवा मिलेगी।

उन्होंने प्रधानमंत्री और केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह परियोजना पूर्वोत्तर के लोगों की दीर्घकालिक आकांक्षा को पूरा करेगी और राष्ट्रीय विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगी।

Point of View

बल्कि यह क्षेत्र की आर्थिक स्थिति को भी सुदृढ़ करेगी। भारत सरकार के प्रयासों से यह पहल कृषि उत्पादकता और रोजगार के अवसरों में वृद्धि करेगी।
NationPress
24/11/2025

Frequently Asked Questions

बीवीएफसीएल का नया प्लांट कब पूरा होगा?
यह प्लांट अगले पांच वर्षों में पूरा होने की उम्मीद है।
इस प्लांट की उत्पादन क्षमता क्या होगी?
इसकी उत्पादन क्षमता 12.5 लाख मीट्रिक टन प्रति वर्ष होगी।
यह परियोजना किसके सहयोग से शुरू की जा रही है?
यह परियोजना भारत सरकार के सहयोग से शुरू की जा रही है।
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