क्या कनाडा ने खालिस्तानी ‘चरमपंथ’ को स्वीकार किया है? : अमित मालवीय

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क्या कनाडा ने खालिस्तानी ‘चरमपंथ’ को स्वीकार किया है? : अमित मालवीय

सारांश

कनाडा ने खालिस्तानी उग्रवाद को स्वीकार कर लिया है, जो भारत में हिंसा को बढ़ावा देने के लिए कनाडाई धरती का इस्तेमाल कर रहे हैं। भाजपा नेता अमित मालवीय ने इस कूटनीतिक उपलब्धि की जानकारी दी है। यह पहली बार है जब कनाडा ने 'उग्रवाद' शब्द का इस्तेमाल किया है।

Key Takeaways

  • कनाडा ने पहली बार खालिस्तानी उग्रवाद को स्वीकार किया।
  • भारत की कूटनीति को मिली सफलता।
  • खुफिया रिपोर्ट में खालिस्तानी गतिविधियों का उल्लेख।
  • कनाडा में खालिस्तानी उग्रवाद का खतरा बढ़ा।
  • कनाडा भारत विरोधी तत्वों के लिए सुरक्षित पनाहगाह।

नई दिल्ली, 19 जून (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा नेता अमित मालवीय ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल की कनाडा यात्रा से जुड़ी एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक उपलब्धि पर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने जानकारी दी कि कनाडा ने पहली बार औपचारिक रूप से माना है कि खालिस्तानी उग्रवादी कनाडाई धरती का उपयोग भारत में हिंसा को बढ़ावा देने के लिए कर रहे हैं।

मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "यह पहली बार है, जब कनाडा ने खालिस्तानियों के लिए 'उग्रवाद' शब्द का आधिकारिक उपयोग किया है।"

उन्होंने कनाडाई खुफिया एजेंसी के उस बयान का उल्लेख किया, जिसमें भारत विरोधी ताकतों की गतिविधियों का उल्लेख किया गया था।

मालवीय ने कहा, "कनाडा की प्रमुख खुफिया एजेंसी कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा ने पहली बार औपचारिक रूप से स्वीकार किया है कि खालिस्तानी उग्रवादी कनाडा को भारत में हिंसा को बढ़ावा देने, धन जुटाने और योजना बनाने के लिए उपयोग कर रहे हैं।"

उन्होंने भारत सरकार की इस कूटनीतिक सफलता पर जोर दिया कि उसने कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की सरकार को खालिस्तानी उग्रवादियों के खतरे के बारे में समझाने में सफलता प्राप्त की है।

मालवीय ने कहा, "एजेंसी की ताज़ा रिपोर्ट स्पष्ट रूप से कहती है कि खालिस्तानी उग्रवादी कनाडा को मुख्य रूप से भारत में हिंसा को बढ़ावा देने, धन जुटाने और योजना बनाने के लिए एक आधार के रूप में उपयोग कर रहे हैं।"

भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, "यह एक महत्वपूर्ण बात को मानना है। भारत की ओर से वर्षों तक चिंता जताने के बावजूद कनाडा ने इसे काफी हद तक अनदेखा किया था। लेकिन अब उसकी अपनी खुफिया एजेंसी ने वही पुष्टि की है, जो भारत सरकार लंबे समय से कह रही है। कनाडा भारत विरोधी तत्वों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बन गया है।"

मालवीय ने कहा, "इससे भी अधिक महत्वपूर्ण यह है कि यह पहली बार है, जब कनाडा ने खालिस्तानियों के संबंध में आधिकारिक तौर पर 'चरमपंथ' शब्द का उपयोग किया है।"

यह टिप्पणी जी7 शिखर सम्मेलन 2025 के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और कनाडाई प्रधानमंत्री कार्नी की मुलाकात के संदर्भ में आई है। मालवीय की यह टिप्पणी इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत वर्षों से कनाडाई धरती से संचालित होने वाले खालिस्तानी उग्रवादियों के बारे में अपनी चिंताओं को उठाता रहा है।

Point of View

जो भारत और कनाडा के बीच के संबंधों को नई दिशा दे सकता है। यह भारत की कूटनीतिक कोशिशों की सफलता को दर्शाता है और यह संकेत है कि विदेशी ताकतें अब भारत की चिंताओं को गंभीरता से ले रही हैं।
NationPress
20/12/2025

Frequently Asked Questions

कनाडा ने खालिस्तानी उग्रवाद को क्यों स्वीकार किया?
कनाडा ने अपनी सुरक्षा खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट के आधार पर खालिस्तानी उग्रवाद को स्वीकार किया है, जो भारत में हिंसा को बढ़ावा देने के लिए कनाडाई धरती के उपयोग का उल्लेख करता है।
क्या यह कूटनीतिक उपलब्धि महत्वपूर्ण है?
हां, यह भारत की कूटनीतिक कोशिशों की सफलता को दर्शाता है और यह संकेत है कि कनाडा अब भारत की चिंताओं को गंभीरता से ले रहा है।
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